रविवार रात शी जिनपिंग द्वारा आयोजित एक विशाल भोज के साथ 25वें शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत हुई। इसमें अन्य लोगों के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हुए।
PM Modi Attends SCO Summit: 10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्राध्यक्षों की शिखर बैठक सोमवार को चीन के तियानजिन में शुरू हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन के अन्य नेताओं के साथ समूह की भावी दिशा तय करने के लिए एक दिवसीय विचार-विमर्श शुरू किया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सम्मेलन स्थल पर नेताओं का स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक साथ नजर आए। पीएम मोदी, पुतिन का हाथ थामकर आगे बढ़े और जिनपिंग ने उनका स्वागत किया। इस दौरान तीनों नेता बेहद करीबी से चर्चा करते दिखे। बीच-बीच में ठहाकों का दौर भी चला। तीन सबसे बड़े देशों के शीर्ष नेताओं का एक साथ अनौपचारिक मुलाकात का ये नजारा देखने लायक था। अमेरिकी टैरिफ के बीच तीन बड़े नेताओं की ये तस्वीर डोनाल्ड ट्रंप को जरूर परेशान कर सकती है। ट्रंप के अनुचित टैरिफ ने ही भारत को चीन के थोड़ा करीब ला दिया है। उस पर पुतिन की मौजूदगी वाली ये तिकड़ी अमेरिका और ट्रंप के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनने का माद्दा रखती है।
SCO में मोदी-पुतिन की जुगलबंदी (ANI)
सबसे खास बात देखने वाली ये भी रही कि जब मोदी, पुतिन का हाथ थामे चल रहे थे, उस दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी एक पल के लिए कैमरे में कैद हुए। उनका मायूसी भरा चेहरा बता रहा था कि मोदी-पुतिन की करीबी देखकर उनके दिल पर क्या बीत रही है। चीन का सदाबहार पड़ोसी देश के इस प्रधानमंत्री को जिनपिंग के इतना करीब आने का कभा मौका नहीं मिला है।
आज सम्मेलन का आखिरी दिन है और पीएम मोदी सहित कई नेताओं का भाषण होगा। आज पीएम मोदी व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे, जहां वह एससीओ के अंतर्गत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगे। इस बैठक के बाद उनका रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करने का कार्यक्रम है, जिसके बाद वह भारत के लिए रवाना होंगे।
एससीओ सम्मेलन में मोदी-पुतिन-जिनपिंग एक साथ
शी जिनपिंग ने दिया विशाल भोज
रविवार रात शी जिनपिंग द्वारा आयोजित एक विशाल भोज के साथ 25वें शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत हुई। इसमें अन्य लोगों के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हुए। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन को एससीओ समूह का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन बताया गया क्योंकि चीन, जो इस वर्ष संगठन की अध्यक्षता कर रहा है। उसने एससीओ प्लस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 20 विदेशी नेताओं और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित 10 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया है।
सोमवार को नेताओं ने बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के लिए अपने भविष्य के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध और रविवार को भारतीय प्रधानमंत्री की शी जिनपिंग के साथ बैठक की पृष्ठभूमि में पीएम मोदी के भाषण पर उत्सुकता से नजर रखी जा रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक से दोनों देशों के संबंधों के लिए नया रोडमैप तैयार होगा।
क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की रक्षा पर जोर
अपने स्वागत भोज भाषण में शी जिनपिंग ने कहा कि बढ़ती अनिश्चितताओं और तेज बदलावों से भरी दुनिया में क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की रक्षा करने और विभिन्न देशों के विकास को बढ़ावा देने में एससीओ की ज़िम्मेदारियां और भी बढ़ जाती हैं। भोज को संबोधित करते हुए शी जिनपिंग ने भरोसा जताया कि सभी पक्षों के सम्मिलित प्रयासों से यह शिखर सम्मेलन पूर्णतः सफल होगा और एससीओ निश्चित रूप से और भी बड़ी भूमिका निभाएगा व और भी अधिक प्रगति हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि यह सदस्य देशों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देने, वैश्विक दक्षिण की शक्ति को एकजुट करने और मानव सभ्यता की और अधिक प्रगति को आगे बढ़ाने में और भी बड़ा योगदान देगा।
जून 2001 में शंघाई में स्थापित, एससीओ छह संस्थापक सदस्यों से बढ़कर एशिया, यूरोप और अफ्रीका में फैले 10 सदस्यों, दो पर्यवेक्षकों और 14 संवाद भागीदारों वाले 26 देशों के परिवार में बदल गया है। चीन, रूस और भारत जैसे प्रमुख उभरते बाजारों और विकासशील देशों के साथ एससीओ दुनिया की लगभग आधी आबादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक-चौथाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।