अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, कोई भी देश, कोई भी नागरिक, कोई भी आतंकवाद से सुरक्षित नहीं है। इसलिए भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ है। जानिए पीएम मोदी ने और क्या-क्या कहा।
PM Modi Speech At SCO Summit: चीन के तियानजिन में हो रहे 10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद को लेकर खरी-खरी बात कही। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर दोहरा रवैया स्वीकार नहीं होना चाहिए, यह शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में पीएम मोदी ने साफ शब्दों में बताया कि आतंकवाद पर भारत का क्या रुख है। पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें जानिए।
SCO समिट में पीएम मोदी (PTI)
कोई भी आतंकवाद से सुरक्षित नहीं
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, कोई भी देश, कोई भी नागरिक, कोई भी आतंकवाद से सुरक्षित नहीं है। इसलिए भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ है। आतंकवाद से लड़ने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा। हमने हाल ही में देखा कि कैसे पहलगाम हमला हुआ। कठिन समय में हमारे साथ खड़े रहने वाले राष्ट्रों का धन्यवाद। क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? हम सभी को एक स्वर में कहना होगा- आतंकवाद का कोई भी समर्थन या प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नरेंद्र मोदी ने कहा, सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं। लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इस राह में बड़ी चुनौतियां हैं। आतंकवाद सिर्फ एक देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है। कोई भी देश, कोई भी समाज, कोई भी नागरिक इससे खुद को सुरक्षित नहीं मान सकता। इसलिए, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता पर जोर दिया है।
अल-कायदा के खिलाफ लड़ने की पहल
भारत ने संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व करके अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकवादी संगठनों से लड़ने की पहल की। हमने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ आवाज उठाई। इसमें आपके सहयोग के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।
दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं
पीएम मोदी ने कहा, हमें स्पष्ट रूप से और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है। यह हमला (पहलगाम) मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा। मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है।
सिक्योरिटी , कनेक्टिविटी और अपॉर्चुनिटी का मंत्र
पीएम ने कहा कि भारत ने एक सक्रिय सदस्य के रूप में एक सकारात्मक भूमिका निभाई है, भारत की सोच और नीति तीन मुख्य बिंदु पे आधारित है। सिक्योरिटी , कनेक्टिविटी और अपॉर्चुनिटी। पीएम मोदी ने कहा कि वर्चस्ववादी सोच किसी के हित में नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र में सुधार का आह्वान
प्रधानमंत्री ने कहा कि एससीओ सदस्य देश वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिए आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, हम सर्वसम्मति से संयुक्त राष्ट्र में सुधार का आह्वान कर सकते हैं।
‘ग्लोबल साउथ’ की उठाई आवाज
प्रधानमंत्री ने ‘ग्लोबल साउथ’ के विकास को सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ की आकांक्षाओं को पुराने ढांचों में सीमित रखना भावी पीढ़ियों के साथ घोर अन्याय है। ‘ग्लोबल साउथ’ से अर्थ उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है और ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं।
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का मंत्र
भारत की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म (सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन) के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। चाहे कोविड-19 महामारी हो या वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है।