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SCO सम्मेलन में भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा, कहा- हमला कराने वालों को मिले सजा

शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। सदस्यों ने मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
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SCO घोषणापत्र में पहलगाम हमले की निंदा (PTI)

SCO Declaration: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में उस वक्त भारत को बड़ी जीत मिली जब राष्ट्राध्यक्षों ने कश्मीर के पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के तियानजिन घोषणापत्र में साफ तौर पर पहलगाम हमले का जिक्र किया गया। सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। सदस्यों ने मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।

गाजा में हताहतों और जाफर एक्सप्रेस हमले का भी जिक्र

एससीओ सदस्य देशों ने गाजा में इजराइल द्वारा किए गए सैन्य हमलों में बड़ी संख्या में आम लोगों के हताहत होने और गाजा पट्टी में भयावह मानवीय स्थिति पैदा होने के कारण इन हमलों की निंदा की। घोषणापत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ाने के उपायों का जिक्र किया गया और आतंकवाद से निपटने को एक बड़ी चुनौती बताया गया। इसमें कहा गया, सदस्य देश 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। एससीओ के सदस्य देशों ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में खुजदार और जाफर एक्सप्रेस पर हुए आतंकवादी हमलों की भी निंदा की।

घोषणापत्र के अनुसार, उन्होंने (सदस्य देशों ने) हताहतों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति एवं संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।

आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा

इसमें कहा गया है कि एससीओ आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, स्वार्थसिद्धि के उद्देश्य के लिए आतंकवादी, अलगाववादी और चरमपंथी समूहों का इस्तेमाल करने के प्रयासों की अस्वीकार्यता पर जोर देता है। एससीओ ने कहा कि वह आतंकवादी और चरमपंथी खतरों का मुकाबला करने में संप्रभु देशों और उनके सक्षम प्राधिकारियों की अग्रणी भूमिका को मान्यता देता है। इसमें कहा गया है, सदस्य देश आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा करते हैं। वे इस बात पर जोर देते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड अस्वीकार्य हैं और वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों सहित आतंकवाद का मुकाबला करने का आह्वान करते हैं।

एससीओ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की इस संबंध में केंद्रीय भूमिका है कि वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के अनुसार प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव और संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति को पूरी तरह से लागू करे ताकि सभी आतंकवादी समूहों का संयुक्त रूप से मुकाबला किया जा सके।

कोई भी आतंकवाद से सुरक्षित नहीं: PM मोदी

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, कोई भी देश, कोई भी नागरिक, कोई भी आतंकवाद से सुरक्षित नहीं है। इसलिए भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ है। आतंकवाद से लड़ने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा। हमने हाल ही में देखा कि कैसे पहलगाम हमला हुआ। कठिन समय में हमारे साथ खड़े रहने वाले राष्ट्रों का धन्यवाद। क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? हम सभी को एक स्वर में कहना होगा- आतंकवाद का कोई भी समर्थन या प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आतंकवाद पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती

नरेंद्र मोदी ने कहा, सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं। लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इस राह में बड़ी चुनौतियां हैं। आतंकवाद सिर्फ एक देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है। कोई भी देश, कोई भी समाज, कोई भी नागरिक इससे खुद को सुरक्षित नहीं मान सकता। इसलिए, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता पर जोर दिया है।

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अमित कुमार मंडल author

पत्रकारिता के सफर की शुरुआत 2005 में नोएडा स्थित अमर उजाला अखबार से हुई जहां मैं खबरों की दुनिया से रूबरू हुआ। यहां मिले अनुभव और जानकारियों ने खबरों ...और देखें

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