कृषि

Retail Inflation: कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुशखबरी, खुदरा महंगाई में आई कमी, मई महीने में रह गई 3 फीसदी से कम

Retail Inflation: श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कृषि श्रमिकों (सीपीआई-एएल) और ग्रामीण श्रमिकों (सीपीआई-आरएल) के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति दर सालाना आधार पर इस साल मई में घटकर क्रमशः 2.84 प्रतिशत और 2.97 प्रतिशत रह गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह क्रमशः 7 प्रतिशत और 7.02 प्रतिशत दर्ज की गई थी। मासिक आधार पर भी मुद्रास्फीति दर में कमी दर्ज की गई है।
Retail inflation fell for farm-rural workers

कृषि-ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट

मुख्य बातें
  • कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अच्छी खबर
  • खुदरा महंगाई में गिरावट आई
  • रह गई 3 फीसदी से कम

Retail Inflation: श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कृषि श्रमिकों (सीपीआई-एएल) और ग्रामीण श्रमिकों (सीपीआई-आरएल) के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति दर सालाना आधार पर इस साल मई में घटकर क्रमशः 2.84 प्रतिशत और 2.97 प्रतिशत रह गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह क्रमशः 7 प्रतिशत और 7.02 प्रतिशत दर्ज की गई थी। मासिक आधार पर भी मुद्रास्फीति दर में कमी दर्ज की गई है। इससे पहले अप्रैल में सीपीआई-एएल के लिए मुद्रास्फीति दर 3.48 प्रतिशत और सीपीआई-आरएल के लिए मुद्रास्फीति दर 3.53 प्रतिशत थी।

ये भी पढ़ें -

Railway Ticket Upgrade System: बिना पैसे खर्च किए अपग्रेड होगा ट्रेन का टिकट, स्लीपर के दाम में मिलेगा AC का मजा ! जानें कैसे

लगातार आ रही गिरावट

पिछले सात महीनों में कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए मुद्रास्फीति दर में लगातार गिरावट आ रही है। यह उन कमजोर वर्गों के लिए राहत की बात है, जो बढ़ती कीमतों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इससे उनके हाथ में अधिक पैसे बचते हैं, जिससे वे अधिक सामान खरीद पाते हैं और उनकी जीवनशैली बेहतर होती है।

फरवरी 2019 के बाद सबसे कम

कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए मुद्रास्फीति में गिरावट देश की समग्र उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में पिछले वर्ष मई की तुलना में इस वर्ष मई में 2.82 प्रतिशत की गिरावट की पृष्ठभूमि में आई है।

सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, यह फरवरी 2019 के बाद से खुदरा मुद्रास्फीति का सबसे निचला स्तर है।

कृषि उत्पादन में वृद्धि

मई के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 0.99 प्रतिशत रह गई, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम है। यह लगातार सातवां महीना है, जब खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है, क्योंकि कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है।

महीने के दौरान मुद्रास्फीति में तेज गिरावट मुख्य रूप से दालों, सब्जियों, फलों, अनाज, घरेलू सामान और सेवाओं, चीनी और अंडों की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है।

ईंधन की कीमतों में नरमी रही वजह

महीने के दौरान कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी आने के साथ ईंधन की कीमतों में नरमी के कारण भी मुद्रास्फीति में कमी आई है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि आरबीआई ने 2025-26 के लिए अपने मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है।

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति अब 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें महंगाई पहली तिमाही में 2.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहेगी। (इनपुट - आईएएनएस)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। कृषि (Agriculture News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited