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EV में इस्तेमाल होगी मेड इन इंडिया बैटरी, नए साल में रिलायंस शुरू करेगी बैटरी की विशाल फैक्टरी

कंपनी एक बहुआयामी, गीगावाट स्तरीय स्वच्छ ऊर्जा परिवेश सौर, बैटरी भंडारण, हाइड्रोजन- सभी को एक ही छत के नीचे लाने के लिए मंच बना रही है। गीगा फैक्ट्रियों के उत्पादों का उपयोग चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा मुहैया कराने और हरित रसायनों के उत्पादन के लिए किया जाएगा।

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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) अपने स्वच्छ ऊर्जा कारोबार को बढ़ाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। कंपनी 2026 में एक विशाल बैटरी उत्पादन क्षमता वाला संयंत्र, सिंगापुर के आकार से तीन गुना बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना और 2032 तक 30 लाख टन हरित हाइड्रोजन क्षमता शुरू करने की योजना बना रही है।

reliance battery plant/Photo-AI

रिलायंस का यह कदम भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए वरदान साबित होगा, क्योंकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बैटरी के लिए किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। यह कदम भारत को EV क्रांति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाएगा और देश को आयातित तेल पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा, हालांकि कंपनी ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि वह किस तरह के बैटरी का निर्माण करेगी, लेकिन भारत में ईवी के भविष्य को देखकर कहा जा सकता है कि रिलायंस की नजर भारतीय ईवी मार्केट पर है।

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आरआईएल की वार्षिक आम बैठक में उद्योगपति मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे और रिलायंस के कार्यकारी निदेशक अनंत अंबानी ने कहा कि कंपनी दुनिया का सबसे एकीकृत नया ऊर्जा परिवेश बना रही है, रेत और इलेक्ट्रॉन से लेकर हरित अणुओं तक।

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