पाकिस्तान सीमा के पास बंजर भूमि बनी भारत की हरित ऊर्जा क्रांति का केंद्र, अंबानी-अडानी ने किया अरबों का निवेश

कच्छ में स्वच्छ ऊर्जा का नया केंद्र (तस्वीर-istock)
Renewable Energy Hub : गुजरात के कच्छ जिले का रण क्षेत्र, जो पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित एक विशाल बंजर भूमि है, अब भारत की स्वच्छ ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं का केंद्र बन गया है। यह इलाका उद्योगपतियों मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी के बड़े निवेशों के चलते वैश्विक हरित ऊर्जा मानचित्र पर उभर रहा है।
अडानी समूह की खावड़ा परियोजना: दुनिया की सबसे बड़ी हरित ऊर्जा परियोजना
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक अडानी समूह ने सबसे पहले इस क्षेत्र में बड़ी योजना की घोषणा की थी। उनका खावड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क 538 वर्ग किलोमीटर में फैला है। जो पेरिस शहर से करीब पांच गुना बड़ा है। इस परियोजना का लक्ष्य है 30 गीगावाट सौर और पवन ऊर्जा का उत्पादन करना। काम की शुरुआत 2022 में हुई थी, और फरवरी 2024 में इसने राष्ट्रीय ग्रिड को पहली बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी। अब तक 5.6 गीगावाट क्षमता चालू हो चुकी है, और 2029 तक पूरी क्षमता प्राप्त करने की योजना है।
रिलायंस की परियोजना: अब तक की सबसे बड़ी एकल-स्थल सौर परियोजना
2023 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कच्छ में स्वच्छ ऊर्जा परियोजना की घोषणा की थी। इस साल (2025) की सालाना बैठक में उनके बेटे अनंत अंबानी ने इस परियोजना की विस्तृत जानकारी साझा की। यह परियोजना 5.5 लाख एकड़ (यानी 2,225 वर्ग किलोमीटर) में फैली है। जो सिंगापुर से तीन गुना बड़ी है। परियोजना के चरम समय पर हर दिन 55 मेगावाट के सोलर मॉड्यूल और 150 मेगावाट-घंटे के बैटरी कंटेनर लगाए जाएंगे। दावा किया गया है कि यह दुनिया की सबसे तेज सौर स्थापनाओं में से एक होगी और भारत की 10% बिजली जरूरतों को पूरा कर सकती है। हालांकि, रिलायंस ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह परियोजना कब पूरी होगी और इससे कुल कितनी बिजली बनेगी।
सोलर एनर्जी के लिए आदर्श क्यों है कच्छ?
कच्छ क्षेत्र भारत के सर्वश्रेष्ठ सौर ऊर्जा क्षेत्रों में से एक है। यहां हर दिन औसतन 5.5 से 6.0 किलोवाट-घंटे/वर्ग मीटर सौर विकिरण प्राप्त होता है (सालाना लगभग 2,060 से 2,100 किलोवाट-घंटे)। 300 से अधिक धूप वाले दिन साल में होते हैं। जमीन बंजर और अनुपजाऊ है, जिससे यह यूटिलिटी-स्केल सौर परियोजनाओं के लिए आदर्श बन जाती है। भूमि अधिग्रहण की लागत कम है और विस्थापन की समस्याएं भी न्यूनतम हैं, क्योंकि यह इलाका कम आबादी वाला है।
हरित तकनीक का उत्पादन भी लक्ष्य में शामिल
अडानी और अंबानी की योजनाएं सिर्फ बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं हैं। दोनों कंपनियां सौर मॉड्यूल, बैटरियां और हरित हाइड्रोजन के उपकरणों का निर्माण भी करना चाहती हैं। अडानी समूह फिलहाल आगे हैं, जिन्होंने पहले ही सौर मॉड्यूल और पवन टर्बाइन बनाना शुरू कर दिया है।
सरकारी कंपनी एनटीपीसी की भी एंट्री
देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने भी खावड़ा क्षेत्र में 4.75 गीगावाट सौर ऊर्जा लगाने की योजना बनाई है।
भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम
कच्छ का रण, जो कभी निर्जन और बंजर माना जाता था, अब भारत की ऊर्जा क्रांति का प्रतीक बन गया है। यहां हो रहा निवेश न सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत को वैश्विक हरित ऊर्जा महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक कदम है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
रामानुज सिंह टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में बिजनेस डेस्क के इंचार्ज हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वो बिहार के खगड़िया जिले के र...और देखें

UPI-UPU एकीकरण की शुरुआत, सीमा पार से पैसा भेजना होगा आसान

चांदी की कीमतों पर भविष्यवाणी, इतने महीनों में हो जाएगी 1.5 लाख रुपये किलो!

सोने का भाव आज का 10 सितंबर 2025: आज सुबह क्या है सोना-चांदी के रेट, जानें 24K, 22K, 18K, 14K सोने के दाम

Stock Market Closing 9 September 2025: तेजी के साथ बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स में 314 अंकों का उछाल, निफ्टी 24868 के पार

सोने का भाव आज का 9 सितंबर 2025: सोना ने फिर बनाया नया रिकॉर्ड, जानें 24K, 22K, 18K, 14K सोने के दाम
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited