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चांदी पर भी लागू होंगे सोने जैसे नियम! सरकार का आया बड़ा बयान

Silver Jewellery Mandatory Hallmarking: सरकार ने 1 सितंबर से चांदी के आभूषणों और वस्तुओं की स्वैच्छिक हॉलमार्किंग शुरू की है, जिसमें उपभोक्ताओं के हित में धातु की शुद्धता सुनिश्चित करने हेतु डिजिटल पहचान प्रणाली लागू की जाएगी। सरकार इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है, जैसा कि सोने के आभूषणों के लिए है।

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Silver Jewellery Mandatory Hallmarking: सरकार स्वैच्छिक रूप से शुरू की गई चांदी के आभूषणों और वस्तुओं की हॉलमार्किंग की प्रक्रिया का मूल्यांकन करने के बाद इसे अनिवार्य करने पर विचार करेगी। जैसा कि सोने के आभूषणों के लिए है। इस संबंध में उपभोक्ताओं के हित में धातु की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए एक डिजिटल पहचान प्रणाली लागू की गई है। सरकार ने 1 सितंबर से प्रभावी चांदी के आभूषणों और वस्तुओं के लिए स्वैच्छिक हॉलमार्किंग की घोषणा 4 सितंबर को की थी।

चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने पर विचार (तस्वीर-istock)

छह महीने के भीतर मूल्यांकन के बाद फैसला

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने पीटीआई-भाषा से बताया कि इस पहल का क्या असर होता है मूल्यांकन करने के लिए छह महीने का समय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें इसका मूल्यांकन करने के लिए कुछ समय चाहिए। छह महीने पर्याप्त होंगे। हम 6 महीने तक इस पर गौर करेंगे और उसके बाद विचार करेंगे कि इसे अनिवार्य किया जाए या नहीं।

छोटी यूनिट के लिए बड़ी चुनौती

तिवारी ने बताया कि सोने के गहनों की तरह चांदी के गहनों की हॉलमार्किंग को भी अनिवार्य करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि छोटे स्तर पर लोग चांदी पिघलाकर आभूषण बनाते हैं और उन्हें अनिवार्य प्रमाणन के दायरे में लाना एक बड़ी चुनौती है।

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