• Welcome!

Logo

Login to get the latest articles, videos,
gallery and a lot more…

or continue with
  • email iconGoogle
  • email iconEmail
To get RegisteredSignup now
बिजनेस

Explainer: भारत-अमेरिका ट्रेड डील से क्या बदलेगा? बिजनेस, इकोनॉमी से लेकर स्ट्रैटेजिक पावर का पूरा गणित समझें

भारत और अमेरिका के बीच कुल ट्रेड (माल + सर्विसेज) 2024 में लगभग 212.3 अरब डॉलर रहा, जो 2023 से 8.3% (16.3 अरब डॉलर) ज्यादा है। दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को 500 अबर डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।

Follow
GoogleNewsIcon

पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के रिश्ते पर जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघलने लगी है। अमेरिका द्वारा शुरू किए गए ट्रेड वॉर के बाद दोनों देशों के रिश्ते थोड़े समय के लिए कड़वे जरूर हो गए थे। हालांकि, भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए हमेशा संयम बरता और परिपक्वता दिखाते हुए अमेरिका को अपना सबसे अहम साझेदार बताया। अब एक बार फिर से दोनों देश करीब आ रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिये ही सही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत शुरू हो गई है। ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रंप ने लिखा कि वे अपने बहुत अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं। मैं राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत करने की प्रतीक्षा कर रहा हूं।

इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों देशों के रिश्ते अब बहुत तेजी से ठीक हो रहे हैं। जल्द ही दोनों देशों के बीच ट्रेड डील हो सकती है। इन सब के बीच आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि आखिर, ऐसा क्या हुआ कि ट्रंप का हृदय एकदम से परिवर्तन हो गया है? क्यों भारत अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण हो गया? अगर दोनों देशों के बीच ट्रेड डील हो जाती है कि इसका असर आम से खास पर क्या होगा? भारतीय अर्थव्यस्था के लिए क्या यह डील फायदेमंद होगी? चलिए, इसे ट्रेड से जुड़े तमाम सवालों के जवाब देते हैं।

ट्रंप का हृदय परिवर्तन एकदम सेकैसे हो गया?

वैश्विक जानकारों की माने तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हृदय परिवर्तन एकदम से नहीं हुआ है। उन्होंने भारत पर दबाव के सारे हथकंडे अपनाएं, लेकिन उन्हें वह सफलता नहीं मिली जिसकी उनको उम्मीद थी। उल्टे भारत ने संयम दिखते हुए अपने लिए नए रास्ते तलाश करने लगा। अमेरिका से रिश्ते खराब होने पर भारत की निकटता चीन की ओर बढ़ी है। इसमें भारत के दोस्त रूस ने अहम भूमिका निभाई। SCO समिट के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीब 7 साल बाद चीन जाना और एक मंच पर रूस, भारत और चीन का आना एक बड़ा वैश्विक संकेत था। अमेरिका को इससे सबसे बड़ा झटका लगा।

बदलते वैश्विक परिस्थति में अमेरिका को अभी दुनिया में सबसे अधिक खतरा चीन से है। चीन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका को भारत का साथ चाहिए। आपको बता दें कि एशिया-पैसिफिक में चीन की बढ़ती दखल से अमेरिका चिंतित है। अमेरिका चाहता है कि भारत उसके साथ मिलकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बैलेंस बनाए। यह डील उस रणनीति को और मजबूत करेगी।

इतना ही नहीं, आज दुनिया में भारत सबसे तेजी से उपभोक्ता बाजार है। जल्द ही यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बन सकता है। भारत के पास 140 करोड़ आबादी की ताकत है। दुनिया का सबसे युवा देश भारत है। आज के समय में जितनी जरूरत भारत को अमेरिका से है, उससे कहीं ज्यादा अमेरिका के लिए भारत बन गया है। भारत के खिलाफ 50% टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप की आलोचना उनके ही देश में होने लगी। लगातार बढ़ते विरोध के बीच ट्रंप के पास भारत के साथ बातचीत करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। इसलिए एक बार उनके सुर बदले हैं। आपको बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच कुल ट्रेड (माल + सर्विसेज) 2024 में लगभग 212.3 अरब डॉलर रहा, जो 2023 से 8.3% (16.3 अरब डॉलर) ज्यादा है। दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को 500 अबर डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।

ट्रेड डील: भारत के लिए फायदे

  • अमेरिकी मार्केट तक भारतीय कंपनियों की आसान पहुंच होगी
  • भारत में ज्यादा FDI आएगा और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर आसान होगा
  • डिफेंस और एनर्जी सेक्टर को बढ़ावा
  • ग्लोबल पॉलिटिक्स में भारत की पकड़ मजबूत होगी

ट्रेड डील: अमेरिका के लिए फायदे

  • भारत जैसा बड़ा उपभोक्ता मार्केट अमेरिकी कंपनियों को मिलेगा
  • एशिया में चीन को बैलेंस करने में अमेरिका को मदद मिलेगी
  • क्लीन एनर्जी और डिफेंस में भारत जैसा बड़ा पार्टनर मिलेगा
  • चीन पर निर्भरता कम करने और सप्लाई चेन कर डायवर्सिफिकेशन हो पाएगा

ट्रेड डील से क्या बदलेगा?

1. बिजनेस के लिए नए अवसर

दोनों देशों के बीच ट्रेड डील होने से भारत और अमेरिकी कंपनियों के लिए नए दरवाजे खुलेंगे। भारत के टेक्सटाइल्स, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटो कंपनियों को अमेरिकी बाजार में कम टैरिफ के साथ बेहतर पहुंच मिलेगी। दूसरी ओर, अमेरिकी हाई-एंड प्रोडक्ट्स जैसे मोटरसाइकिल और मेडिकल डिवाइसेज भारत में सस्ते हो सकते हैं। इससे दोनों देशों में उपभोक्ताओं को फायदा होगा। Iphone से लेकर हार्ले-डेविडसन बाइक की कीमत घट सकती है।

2. भारतीय इकोनॉमी को मिलेगा डबल बूस्ट

जीएसटी कटौती के बाद अगर अमेरिका से साथ ट्रेड डील जल्द हो जाती है तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था को डबल बूस्ट मिल सकता है। अमेरिका से ट्रेड डील से भारतीय कंपनियों का निर्यात बढ़ेगा। ये भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार तेज करने में मदद करेगा। जीएसटी कटौती से घरेलू मांग बढ़ने की पूरी उम्मीद है। इससे नए निवेश के साथ रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

3. स्ट्रैटेजिक पावर का बनेगा नया समीकरण

अमेरिका के साथ यह ट्रेड डील सिर्फ बिजनेस तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इका असर वैश्विक होगा। ट्रंप की BRICS-विरोधी नीति और रूस से भारत के तेल आयात पर उनकी आपत्ति के बावजूद, भारत ने डिप्लोमैटिक चैनल्स के जरिए तनाव को कम किया। यह समझौता भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत रणनीतिक स्थिति देगा।

चुनौतियां भी कम नहीं

  • इस डील का रास्ता आसान नहीं है। GM फसलों और डेयरी जैसे मुद्दों पर भारत को अपनी स्थिति मजबूत रखनी होगी।
  • भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस है। क्या अमेरिका इसे लंबे समय तक स्वीकार करेगा?
  • सस्ते अमेरिकी प्रोडक्ट्स भारतीय मैन्युफैक्चरर्स को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

End of Article
आलोक कुमार author

आलोक कुमार टाइम्स नेटवर्क में एसोसिएट एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और प्रिंट मीड...और देखें

Follow Us:
Subscribe to our daily Newsletter!
End Of Feed