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फ्लैट की जगह प्लॉट पर घर बनाना हुआ फायदेमंद, सीमेंट-ब्रिक्स समेत ये कंस्‍ट्रक्‍शन मटीरियल होंगे सस्ते, जानें कितने लाख की होगी बचत

जीएसटी काउंसिल ने आवश्यक कंस्‍ट्रक्‍शन मटीरियल पर टैक्स घटाने का ऐलान किया है। इससे कंस्‍ट्रक्‍शन लागत में कमी आने की उम्मीद है, जिससे घर खरीदारों को राहत मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इससे घर बनाने का बजट कम होगा।
घर बनाना हुआ फायदेमंद

घर बनाना हुआ फायदेमंद (Timesnowhindi)

GST Cut: खुद का आशियाना बनाने का सपना हर कोई देखता है, लेकिन आसमान छूती महंगाई के बीच इसे पूरा करना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है। लेकिन अब खुद का अशियाना का सपना पूरा करना एक बार फिर संभव होने जा रहा है। यह हुआ है बिल्डिंग मटीरियल पर जीएसटी घटने से। मोदी सरकार ने घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सीमेंट, स्टोन, मार्बल व ट्रैवर्टीन ब्लॉक्स, ग्रेनाइट ब्लॉक्स और सैंड-लाइम ब्रिक्स पर जीएसटी घटाने का फैसला किया है। सरकार ने सीमेंट पर GST 28% से घटकर 18% कर दिया है। मार्बल और ट्रैवर्टीन ब्लॉक्स पर जीएसटी 12% से घटाकर 5%, ग्रेनाइट ब्लॉक्स पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% जीएसटी और सैंड-लाइम ब्रिक्स और स्टोन इनले वर्क पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया। इसके साथ ही बांस की फ्लोरिंग और फर्नीचर, लकड़ी के पैकिंग बॉक्स व पैलेट पर जीएसटी 12% से घटकर 5% कर दिया गया है। इससे घर की कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में बड़ी कमी आएगी। आइए जानते हैं कि अगर आप घर बनाने की तैयारी कर रहे हैं तो कितनी की बचत हो सकती है।

घर बनाने की लागत 5% तक घट सकती है: एनारॉक

रियल एस्टेट रिसर्च फॉर्म एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट पर जीएसटी में कटौती से घर की निर्माण लागत 3–5% तक घट सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, इस कटौती का फायदा छोटे शहरों (टियर-II, टियर-III) में सबसे अधिक होगा क्योंकि आज भी वहां लोग सोसाइट में फ्लैट खरीदने की बजाय अपना घर बनना पसंद करते हैं। निर्माण लगत घटने से बिल्डिंग मटीरियल की मांग भी बढ़ने की उम्मीद है।

1200 वर्ग फुट के घर बनाने की कंस्ट्रक्शन लागत:

अनुमानित निर्माण लागत (थम्ब रूल के आधार पर)

  • सीमेंट (16.4%) – ₹3,93,600
  • रेत (12.3%) – ₹2,95,200
  • एग्रीगेट (7.4%) – ₹1,77,600
  • स्टील (24.6%) – ₹5,90,400
फिनिशिंग (16.5%) – ₹3,96,000

पेंट (4.1%)

टाइल्स (8.0%)

ईंट (4.4%)

फिटिंग्स (22.8%) – ₹5,47,200

खिड़की (3.0%)

दरवाज़े (3.4%)

प्लंबिंग (5.5%)

इलेक्ट्रिकल (6.8%)

सैनिटरी (4.1%)

कुल लागत = ₹24,00,000

GST घटने से 1200 वर्ग फुट के घर बनाने पर बचत

मान लीजिए रणबीर-प्रियंका एक 1,200 वर्ग फुट का घर बनवाना चाहते हैं।

कंस्ट्रक्शन स्टैंडर्ड रेट: ₹2,000 प्रति वर्ग फुट

कुल लागत: 1,200 × ₹2,000 = ₹24 लाख।

GST कटौती से 3–5% की बचत:

  • 3% बचत: ₹24,00,000 × 0.03 = ₹72,000
  • 5% बचत: ₹24,00,000 × 0.05 = ₹1,20,000
घर बनवाने में कंस्ट्रक्शन कॉस्ट इन 4 तरीकों से घटाएं

अगर आप खुद का घर बनाने की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल कर कंस्‍ट्रक्‍शन कॉस्‍ट में 10-15 फीसदी की बचत की जा सकती है या फिर कारपेट एरिया को 15 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि घर की लगात को आप कैसे कम कर सकते हैं।

1. अनुभवी आर्किटेक्ट और ठेकेदार को करें हायर

घर बनवाने की लागत घटाने के लिए अनुभवी आर्किटेक्ट और कॉन्ट्रैक्टर को हायर करं। एक अनुभवी आर्किटेक्ट ऐसा घर डिजाइन कर सकता है, जिसमें जगह का सही इस्तेमाल हो और बर्बादी कम से कम हो। इससे निर्माण के दौरान सामग्री की खपत घटेगी और आपकी लागत बचेगी। उदाहरण के लिए, एक स्मार्ट लेआउट से ईंट, सीमेंट और अन्य मटीरियल की जरूरत कम पड़ती है। इसी तरह, अनुभवी बिल्डिंग ठेकेदार आपको बिल्डिंग मटीरियल को बर्बाद होने और समय पर निर्माण पूरा करने में मदद करता है। इससे लगात बचाने में मदद मिलती है।

2. स्‍टैंडर्ड डिजाइन का चुनाव करें

घर बनावाने में हमेशा स्‍टैंडर्ड डिजाइन का चुनाव करें। यह कंस्ट्रक्शन लागत कम करने में मदद करता है। नए डिजाइन के साथ खूबसूरत घर लागत बढ़ाने का काम करता है। इसलिए हमेशा सिंपल डिजाइन का चुनाव करें।

3. निर्माण सामग्री थोक में खरीदें

सीमेंट, स्टील और टाइल्स जैसी सामग्री थोक में खरीदने से आपको अच्छा डिस्काउंट मिल सकता है। पहले से प्लान करें और कोशिश करें कि इन्हें ऑफ-सीजन में खरीदें, जब दाम कम होते हैं। उदाहरण के लिए, बरसात के मौसम में टाइल्स की मांग कम होती है, इसलिए उस समय इन्हें सस्ते में खरीदा जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि आपके पास सामग्री को सुरक्षित रखने की सही स्टोरेज व्यवस्था हो, ताकि कोई नुकसान न हो। थोक में खरीददारी करने से न सिर्फ पैसे बचते हैं, बल्कि आपके पास पर्याप्त सामग्री होने से काम में देरी भी नहीं होती।

4. बार-बार डिजाइन बदलने से बचें

निर्माण के दौरान बार-बार डिजाइन बदलने से सामग्री की बर्बादी होती है और मजदूरी की लागत भी बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने एक दीवार बनवाने के बाद उसे बदलने का फैसला किया, तो आपको तोड़-फोड़ और दोबारा बनाने का खर्च उठाना पड़ेगा। इसलिए, निर्माण शुरू करने से पहले ही डिजाइन को अंतिम रूप दे दें ताकि अनावश्यक खर्चों से बचा जा सके। अगर बदलाव करना ज़रूरी हो, तो पहले से अपने आर्किटेक्ट और कॉन्ट्रैक्टर से सलाह लें, ताकि अतिरिक्त खर्च को कम से कम किया जा सके।

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आलोक कुमार author

आलोक कुमार टाइम्स नेटवर्क में एसोसिएट एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और प्रिंट मीडिया में उन्हें 17 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव ह...और देखें

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