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ONGC, Oil India के शेयरों में उछाल, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से निवेशकों को राहत

ONGC, Oil India Share Price: ONGC और Oil India के शेयरों में शुक्रवार को तेजी दर्ज की गई क्योंकि कच्चे तेल की कीमतें इज़राइल-ईरान संघर्ष के कारण बढ़ गईं। ब्रेंट क्रूड की कीमत $78.50 प्रति बैरल तक पहुंच गई, जो जनवरी के बाद की सबसे ऊंची दर है। इज़राइल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद तनाव बढ़ गया है, जिससे ईरान की तेल आपूर्ति पर खतरा मंडरा रहा है। ईरान दुनिया के बड़े तेल उत्पादक देशों में से है और इसका मुख्य ग्राहक चीन है। बढ़ती कीमतों का फायदा तेल उत्पादक कंपनियों को हो रहा है, जिससे उनके शेयरों में तेजी आई है।
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ONGC शेयर प्राइस।

शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बीच ओएनजीसी (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (Oil India Ltd.) के शेयरों में तेजी दर्ज की गई। इसका मुख्य कारण रहा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल, जो मध्य-पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव की वजह से हुआ है। ONGC के शेयर 3.09% बढ़कर ₹255.55 पर पहुंच गए, जबकि Oil India के शेयरों में 2.49% की बढ़त के साथ ₹480 का स्तर छू लिया।

ब्रेंट क्रूड का अगस्त वायदा अनुबंध 13.8% उछलकर $78.50 प्रति बैरल तक पहुंच गया, जो 27 जनवरी 2025 के बाद का उच्चतम स्तर है। सुबह 9:32 बजे तक इसमें 8.72% की तेजी बनी रही और यह $75.36 प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

मई में ब्रेंट क्रूड $59 प्रति बैरल तक गिर गया था । यह फरवरी 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर था। लेकिन अब लगातार बढ़ती राजनीतिक अनिश्चितताओं और युद्ध की आशंका के बीच तेल की कीमतों में तेज उछाल देखा जा रहा है।

कच्चे तेल की सप्लाई पर खतरा

इज़राइल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए हमलों ने वैश्विक बाजार को हिला दिया है। इन हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सैन्य कमांडरों की मौत हुई है।

ईरान के नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, "ईरान इस हमले का सख्त जवाब देगा।" वहीं, इजराइल ने भी संभावित प्रतिशोध को देखते हुए देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है।

चीन पर भी असर, जो ईरान के तेल का सबसे बड़ा ग्राहक

ईरान दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक देशों में से एक है, और अपने अधिकांश तेल का निर्यात चीन को करता है, जो वैश्विक तेल खपत का 20% अकेले करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर ईरान की सप्लाई में व्यवधान आता है, तो वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं, जिससे तेल उत्पादक कंपनियों को लाभ और उपभोक्ताओं पर बोझ दोनों बढ़ सकता है।

डिस्क्लेमर : यहां शेयर बाजार में निवेश की सलाह नहीं दी गई है। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

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आशीष कुशवाहा author

आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजार, ...और देखें

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