लंबे समय के लिए निवेश की बात आती है तो रियल एस्टेट अब भी सबसे पसंदीदा विकल्प माना जाता है। लेकिन यहां सबसे बड़ा कन्फ्यूज़न यही रहता है कि आखिर निवेश फ्लैट में किया जाए या प्लॉट में? दोनों के अपने फायदे और चुनौतियां हैं। खासकर 20 साल की अवधि में दोनों की तस्वीर काफी अलग होती है। आइए समझते हैं कि किसमें मिल सकता है आपको ज्यादा फायदा।
रियल एस्टेट में निवेश हमेशा से भारतीयों की पहली पसंद रहा है। लेकिन जब बात लंबी अवधि यानी 15–20 साल की हो, तो सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा होता है—प्लॉट खरीदें या फ्लैट? दोनों ही विकल्प आकर्षक हैं, लेकिन इनके फायदे और रिटर्न बिल्कुल अलग होते हैं। जहां प्लॉट समय के साथ तेजी से वैल्यू बढ़ाता है, वहीं फ्लैट तुरंत किराए की इनकम दिला सकता है। ऐसे में असली कन्फ्यूज़न यह है कि लंबी अवधि में किससे बंपर रिटर्न मिलेगा और कौन सा विकल्प आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगा।
Flat Vs Plot
प्लॉट में क्यों है ज्यादा दम?
प्लॉट यानी खुली जमीन, हमेशा लंबी अवधि का मजबूत निवेश साबित होती है। शहरों और कस्बों का विकास जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे ज़मीन की कीमतें आसमान छूने लगती हैं। जमीन की सप्लाई सीमित होती है और डिमांड लगातार बढ़ती रहती है, इसलिए इसका मूल्य समय के साथ कई गुना हो जाता है। दूसरी बड़ी खासियत यह है कि प्लॉट पर रख-रखाव का झंझट नहीं होता, जबकि चाहें तो भविष्य में उस पर अपनी पसंद का घर भी बना सकते हैं। इस तरह देखा जाए तो अगर आपका मकसद सिर्फ प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने से फायदा कमाना है, तो प्लॉट बेहतरीन विकल्प बन सकता है।
फ्लैट खरीदने के अपने अलग फायदे हैं। सबसे बड़ा प्लस पॉइंट यह है कि इसे तुरंत किराए पर देकर हर महीने स्थिर कमाई शुरू की जा सकती है। साथ ही सोसाइटी में सिक्योरिटी, पार्किंग, जिम और क्लब हाउस जैसी सुविधाएँ मिलती हैं, जिससे रहने का अनुभव बेहतर हो जाता है। इसके अलावा, फ्लैट खरीदने के लिए होम लोन आसानी से मिल जाता है, जबकि प्लॉट के लिए लोन लेना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। हालांकि, फ्लैट की अपनी चुनौतियाँ भी हैं। बिल्डिंग जैसे-जैसे पुरानी होती है, उसकी वैल्यू उतनी तेजी से नहीं बढ़ती जितनी जमीन की बढ़ती है, और हर महीने सोसाइटी चार्ज व मेंटेनेंस का बोझ भी जुड़ जाता है।
किसे चुनना होगा सही?
यह फैसला पूरी तरह आपके निवेश के मकसद पर निर्भर करता है। अगर आप केवल लंबे समय में भारी रिटर्न चाहते हैं और इंतजार करने की क्षमता रखते हैं, तो प्लॉट आपके लिए बेहतर विकल्प है। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपकी प्रॉपर्टी से तुरंत कमाई शुरू हो और साथ ही रहने-सहूलियत की सुविधाएँ भी मिलें, तो फ्लैट आपके लिए ज्यादा सही चुनाव होगा।
निवेश से पहले क्या रखें ध्यान?
निवेश का फैसला लेने से पहले कुछ जरूरी बातें समझना बेहद जरूरी है। प्रॉपर्टी खरीदते समय लोकेशन सबसे अहम होती है, क्योंकि अच्छी लोकेशन पर ही असली रिटर्न मिलता है। अगर आप जमीन खरीद रहे हैं तो उसके कानूनी दस्तावेज और टाइटल की जांच अच्छे से करनी चाहिए। वहीं फ्लैट खरीदते समय लोन की EMI और सोसाइटी चार्ज को लेकर पूरा प्लान बनाना चाहिए। यानी आपका फैसला आपके बजट और फाइनेंशियल गोल्स के हिसाब से होना चाहिए।
कुल मिलाकर, अगर 20 साल की अवधि का निवेश देखें तो प्लॉट आपको ज्यादा बंपर रिटर्न दिला सकता है। वहीं फ्लैट का फायदा यह है कि आप तुरंत किराए से कमाई शुरू कर सकते हैं और सुविधाओं का मजा ले सकते हैं। यानी अगर आपका फोकस सिर्फ प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ाने पर है तो प्लॉट चुनें, लेकिन अगर आप स्टेडी इनकम और आरामदायक जीवन चाहते हैं तो फ्लैट आपके लिए बेहतर डील होगी।