आगरा

हरियाली तीज पर बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का सैलाब, DM-SSP ने खुद संभाली कमान

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में हरियाली तीज के मौके पर देश-विदेश से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। डीएम और एसएसपी ने सड़क पर उतरकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया है। साथ ही आज वृंदावन में छोटे-बड़े वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है और अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किए गए हैं।

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Banke Bihari Mandir in Vrindavan: मथुरा में हरियाली तीज के अवसर पर वृन्दावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था की कमान खुद DM ओर SSP ने संभाली रखी है। DM सीपी सिंह और SSP श्लोक कुमार ने बांके बिहारी मंदिर के अंदर ओर गलियों में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने अधीनस्थों को श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करने और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के दिए निर्देश दिए हैं। वृंदावन में आज छोटे बड़े वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई गई है। साथ ही जगह-जगह सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं।

बांके बिहारी मंदिर में उमड़े श्रद्धालु

अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। जिला प्रशासन के इंतजाम के बावजूद श्रद्धालुओं में दर्शन पाने की होड़ लगी है, जिससे कई बार व्यवस्था प्रभावित होती नजर आई। हालांकि, जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं ताकि भारी भीड़ के दबाव के बावजूद किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो। अधिकारियों ने बताया कि इस मौके पर व्यवस्था बनाए रखने एवं श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन सरल व सुगम तरीके से कराने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल से लेकर वाहन पार्किंग व जूता घरों, खोया-पाया केंद्र, निगरानी दल आदि की विशेष व्यवस्था की गई है।

आजादी के दिन से जारी झूलनोत्सव की परपंरा

ब्रज में हरियाली तीज का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन ठा. बांकेबिहारी को स्वर्ण-रजत झूले में विराजमान कर दर्शन कराने की परंपरा है, इसलिए इसे यहां ‘झूलनोत्सव’ के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष में एक बार होने वाले इस आयोजन में ठाकुरजी के दर्शन पाने के लिए इस दिन लाखों भक्तजन यहां पहुंचते हैं। सेवायतों के अनुसार हिंडोले (झूलों) में दर्शन की यह परंपरा देश की आजादी के दिन (15 अगस्त 1947) से जारी है। संयोग से उसी दिन हरियाली तीज का पर्व था और हरियाणा के बेरी गांव निवासी भगवान के अनन्य भक्त राधेश्याम बेरीवाला परिवार के पूर्वज ने उस काल में करीब 25 लाख रुपये की लागत से यह हिंडोले बनारस के कारीगरों तैयार कराकर अर्पण किए थे।

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