आगरा

'यह भगवान कृष्ण की भूमि है', कोर्ट ने UP सरकार को दिया झटका; बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर पर लग सकती है रोक?

Banke Bihari temple corridor: पीठ ने कहा कि यह भगवान कृष्ण की भूमि है। वे विश्व के पहले ज्ञात मध्यस्थ थे। आइए, वर्षों से लंबित इस विवाद का समाधान निकालें और इन प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के हित में इस क्षेत्र का विकास करें।
Banke Bihari Corridor Project.

बांके बिहार कॉरिडोर (सांकेतिक फोटो)

दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार को झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह श्रद्धालुओं के लाभ के लिए मथुरा के वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना को 15 मई को दी गई मंजूरी स्थगित रखेगा, क्योंकि इसमें मुख्य हितधारकों की बात नहीं सुनी गई। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा “गुप्त तरीके से” अदालत का दरवाजा खटखटाने के दृष्टिकोण की निंदा की और प्राचीन मंदिर का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए उत्तर प्रदेश श्री बांके बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट अध्यादेश, 2025 लाने की जल्दबाजी पर सवाल उठाया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह लाखों श्रद्धालुओं के हित में मंदिर के मामलों के प्रबंधन के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त करेगी। साथ ही प्रबंध समिति में मुख्य हितधारकों को भी शामिल किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार पर बोले सॉलीसीटर जनरल

पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल के.एम. नटराज को बताया कि जितना कम कहा जाए उतना अच्छा है। आप अदालत द्वारा दिए गए निर्देशों को कैसे सही ठहराते हैं? दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, राज्य सरकार अदालत के रिसीवर या हितधारकों (मंदिर के सेवायत होने का दावा करने वाले परिवार के सदस्यों) को सूचित किए बिना, बेहद गुप्त तरीके से अदालत में आई। उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करते हुए उसने उनकी पीठ पीछे निर्देश हासिल किये। राज्य सरकार से हमें कम से कम ऐसी उम्मीद नहीं थी। फिलहाल शीर्ष अदालत अध्यादेश की संवैधानिकता पर फैसला नहीं कर रही है और उच्च न्यायालय इस पर विचार करेगा।

पीठ ने 15 मई के आदेश को स्थगित रखने तथा दैनिक कामकाज की देखभाल के लिए किसी व्यक्ति को मंदिर का प्रबंध न्यासी नियुक्त करने के लिए पांच अगस्त को आदेश पारित करने पर निर्णय लेने का उल्लेख करते हुए नटराज से इस पर निर्देश लेने को कहा।

पीठ ने कहा कि यह भगवान कृष्ण की भूमि है। वे विश्व के पहले ज्ञात मध्यस्थ थे। आइए, वर्षों से लंबित इस विवाद का समाधान निकालें और इन प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के हित में इस क्षेत्र का विकास करें। बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता है क्योंकि आजकल धार्मिक पर्यटन राजस्व के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है। उसने मंदिर के मालिक होने का दावा करने वाले कई विरोधी गुटों सहित सभी हितधारकों को आश्वासन दिया कि मंदिर के मामलों के प्रबंधन के लिए किसी जिम्मेदार व्यक्ति को प्रभार दिया जाएगा, साथ ही आसपास के इलाकों और छोटे मंदिरों के विकास का भी आदेश दिया जाएगा।

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Pushpendra Kumar author

गंगा यमुना के दोआब में स्थित उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से ताल्लुक है। गांव की गलियों में बचपन बीता और अब दिल्ली-एनसीआर में करियर की आपधापी जारी है।...और देखें

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