उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने से रुद्रप्रयाग, चमोली व टिहरी जिले में तबाही मची है। केदारनाथ हाईवे पर भूस्खलन व दरारें, मंदाकिनी नदी में तेज बहाव से कटाव, और कई सड़कें टूट गई हैं। अलकनंदा, मंदाकिनी व पिंडर नदियां उफान पर हैं, कर्णप्रयाग-थराली में हाई अलर्ट जारी है। SDRF और NDRF की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी है।
उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। कल रात रुद्रप्रयाग जिले में बादल फटने से काफी नुकसान पहुंचा है। छेनागाड़ से 20 पीछे सड़क मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रसत हो गया है, जिसके कारण राहत व बचाव टीम पैदल ही इस कार्य के लिए निकल पड़ी है। इस बीच केदारनाथ हाईवे पर विजयनगर में मंदाकिनी नदी में काफी तेज बहाव है, जिसके चलते नदी का कटाव बढ़ गया है और इससे केदारनाथ हाईवे पर लंबी दरार देखने को मिल रही है।
केदारनाथ हाईवे पर कई जगह भारी भूस्खलन भी देखने को मिल रहा है। इसके अलावा यहां से बहने वाली मंदाकिनी नदी में तेज बहाव के चलते कटाव भी बढ़ गया है। इसके कारण सड़क लगातार नदी में समाती जा रही है। इधर जिले के बसुकेदार तहसील में तालजामण क्षेत्र के अंदर्गत गधेरे के दूसरे छोर पर असुरक्षित क्षेत्र में फंसे हुए लोगों को एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही है।
इधर मौसम विभाग ने आज यानी शुक्रवार 29 अगस्त के लिए रुद्रप्रयाग, चमोली, देहरादून और बागेश्वर जिलों में अत्यंत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। उधर टिहरी के बूढ़ा केदार क्षेत्र में बादल फटने की घटना के बाद खादी तबाही देखने को मिल रही है। यहां जगह-जगह सड़कें टूटी हुई हैं, नदियों का स्तर बढ़ गया है लगातार पहाड़ दरक रहे हैं।
भारी बारिश के चलते अलकनंदा और पिंडर नदियां उफान पर हैं, जिससे कर्णप्रयाग और थराली में हाई अलर्ट जारी किया गया है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम शुरू कर दिए हैं।
अलकनंदा और पिंडर नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। चमोली जिले में लगातार बारिश जारी है, जिससे अलकनंदा नदी और पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं और नदियों-नालों के किनारे न जाने की अपील की है। आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और राहत बचाव कार्य के लिए तैयार किया गया है। स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
रुद्रप्रयाग में 8 लोग लापता
बाद रुद्रप्रयाग जिले की करें तो यहां बारिश से भारी नुकसान हुआ है। ल्वारा - गुप्तकाशी मोटरमार्ग पर ल्वारा में स्थित मोटरपुल बह गया है। इसके बाद यहां के ग्रामीण अपने ही घरों में कैद हो गए हैं। यह मोटरमार्ग केदारनाथ यात्रा का वैकल्पिक मोटरमार्ग है, लेकिन पुल के बह जाने से हजारों की आबादी घरों में कैद हो गई है।
वहीं दूसरी और आपदा क्षेत्र के तालजामन, बड़ेथ, छेनागाड़ में रेसक्यू टीम पहुंच चुकी हैं। आपदा पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। छेनागाड़ में 8 लोग अब भी लापता हैं, इनके मलबे में दबे होने की आशंका है। इसी तरह से, जखोली क्षेत्र में एक महिला के हताहत होने की सूचना है, क्षेत्र में राहत और बचाव दल को तत्काल रवाना कर दिया गया है। रुद्रप्रयाग जिले के तालजामण क्षेत्र में गधेरे (बरसाती नाला) के दूसरे छोर पर असुरक्षित क्षेत्र में फंसे लोगों को एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू करते हुए सुरक्षित क्षेत्र में पहुंचा रही है। प्रशासन के स्तर से रेस्क्यू किये गये परिवारों के लिए नजदीकी स्कूल राजकीय प्राथमिक विद्यालय तालजामण को राहत केन्द्र बनाया गया है। साथ ही अन्य सुरक्षित स्थानों की भी तलाश की जा रही है।
रुद्रप्रयाग में कल रात से भारी बारिश के चलते तालजामण क्षेत्र में 4 से 5 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने हो गए थे। सौभाग्यवश इन मकानों में प्राकृतिक आपदा में कोई जनहानि नहीं हुई, घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन ने बिना देर किए प्रभावित परिवारों को नजदीकी प्राइमरी स्कूल में सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया। प्रशासन ने वहां रहने और खाने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की है।
रुद्रप्रयाग से रोहित डिमरी और चमोली से सतेन्द्र पुंडीर की रिपोर्ट