दिल्ली

UER-2 टोल प्लाजा के खिलाफ ग्रामीणों और संगठनों की पंचायत; हटाने की उठी मांग

दिल्ली के बाहरी क्षेत्र में यूईआर-2 टोल प्लाजा के खिलाफ ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों का विरोध तेज हो गया है। मुंडका-बक्करवाला टोल को हटाने की मांग को लेकर रविवार को एक पंचायत आयोजित की गई। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन पर बने हाईवे पर चलने के लिए उन्हें ही भारी टोल चुकाना पड़ रहा है।

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UER 2 Toll Plaza Protest: दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित यूईआर-2 (अर्बन एक्सटेंशन रोड-2) पर बने पहले टोल प्लाजा – मुंडका-बक्करवाला – के खिलाफ रविवार को खाप पंचायत और विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से एक पंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और टोल हटाने के लिए संभावित आंदोलन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। गौरतलब है कि बीते महीने ग्रामीणों ने इस टोल के खिलाफ प्रदर्शन किया था और कुछ समय के लिए टोल प्लाजा को फ्री भी कर दिया था। उनका तर्क है कि दिल्ली में अन्य जगहों पर टोल नहीं लिया जाता, फिर भी यहां सबसे अधिक टैक्स वसूला जा रहा है।

UER-2 टोल प्लाजा के लिए विरोध प्रदर्शन

राजनीतिक चर्चाओं पर रोक

मुंडका के विधायक गजेंद्र दराल ने प्रदर्शनकारियों से संवाद करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को संबंधित मंत्री और एनएचएआई अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे। पंचायत के आयोजन में खाप नेताओं और ‘360 दिल्ली-एनसीआर’ जैसे युवा संगठनों की अहम भूमिका रही, जो लगातार ग्रामीणों से संपर्क साध रहे हैं। इस मंच को पूरी तरह सामाजिक रखा गया है और राजनीतिक चर्चाओं पर रोक लगाई गई है।

हाईवे के लिए ली गई जमीन

ग्रामीणों का कहना है कि हाईवे के लिए उनकी जमीन ली गई, लेकिन अब उसी हाईवे पर सफर करने के लिए उन्हें भारी टोल टैक्स चुकाना पड़ रहा है, जो अनुचित है। कई स्थानीय निवासियों ने बताया कि टोल प्लाजा गांवों के बेहद नजदीक है, जिससे उन्हें रोज़मर्रा की आवाजाही पर बार-बार टोल देना पड़ता है। इसी वजह से ग्रामीणों की मांग है कि इस टोल को तुरंत हटाया जाए या उन्हें स्थायी रूप से टोल फ्री किया जाए।

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