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Delhi News: दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप! सड़कें बनीं दरिया, पॉश इलाके भी पानी-पानी; मेट्रो से लेकर ट्रेन सेवा तक दिखा असर

Yamuna River Flood in Delhi: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर अब धीरे-धीरे घटने लगा है। लेकिन अभी भी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसके चलते कई रिहायशी इलाकों में पानी भरा हुआ है। गुरुवार को यातायात से लेकर मेट्रो और ट्रेन सेवा पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला। नाले और सीवर के ओवरफ्लो होने के कारण भी कई जगहों पर जलजमाव देखने को मिला।

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Delhi Flood Alert: दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। उफान पर बह रही यमुना के कारण देश की राजधानी में बाढ़ जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। यमुना का पानी रिहायशी इलाकों में घुस आया है। बाढ़ का पानी सिविल लाइंस, दिल्ली सचिवालय जैसे पॉश इलाकों में भी पहुंच गया है। गुरुवार को कश्मीरी गेट में जलभराव देखने को मिल रहा है। दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण यातायात से लेकर मेट्रो और ट्रेन सेवा पर भी असर देखा जा रहा है। उफनाई यमुना से प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है।

दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात (ANI)

दिल्ली में यमुना के जलस्तर में आई कमी

दिल्ली में यमुना का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बना हुआ है। शुक्रवार को सुबह 6 बजे यमुना का जलस्तर 207.35 मीटर दर्ज किया गया। हालांकि अब जलस्तर धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गया है। गुरुवार को पुराने रेलवे पुल पर सुबह 7 बजे नदी का जलस्तर 207.48 मीटर दर्ज हुआ था। गुरुवार को बाढ़ का पानी कश्मीरी गेट के पास स्थित श्री मरघट वाले हनुमान बाबा मंदिर तक भी पहुंच गया। निचले इलाकों में पानी भरने के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। वहीं बाढ़ का पानी निकालने के लिए वासुदेव घाट के आसपास के इलाकों में मशीनें लगाई गईं हैं।

बाढ़ प्रभावित लोगों का पुश्ता रोड पर बसेरा

यमुना नदी के उफान के कारण दिल्ली में लोग बेहाल है। बाढ़ का पानी यमुना बाजार से लेकर आईएसबीटी कश्मीरी गेट और सिविल लाइंस में भी 4 से 10 फीट तक भर गया है। जिसके कारण कई घर डूबे हुए हैं। सिविल लाइंस की रिहायशी कॉलोनियों में भी जलजमाव देखने को मिल रहा है। मयूर विहार में गुरुवार को राहत शिविरों तक पानी पहुंच गया। वहीं यमुना बाजार में राहत शिविरों को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। बाढ़ का पानी गढी मांडू, ओल्ड उस्मानपुर गांव और यमुना खादर में घुसने के कारण लोगों को गांव को छोड़कर जाना पड़ा। जिसके चलते सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें पुश्ता रोड पर आशियाना लेना पड़ रहा है। जलस्तर बढ़ने के कारण यमुना नदी में गिरने वाले नाले भी एहतियातन बंद कर दिए गए हैं। जिसके कारण निचले इलाकों में सीवर से ओवरफ्लो होने लगा।

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