जयपुर

Jaipur House collapsed: जयपुर में बड़ा हादसा, जर्जर मकान ढहा, दो की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Jaipur House collapsed: जयपुर में देर रात एक जर्जर मकान के ढहने से दो लोगों की मौत हो गई है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीम ने मलबे में 5 लोगों को जिंदा बाहर निकाला है। मलबे में अभी कई और लोगों के फंसे होने की आशंका जताई गई है, उन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
Jaipur House Collapsed

जयपुर में जर्जर मकान ढहा (फोटो - PTI)

Jaipur House collapsed: राजस्थान की राजधानी जयपुर में देर रात एक जर्जर इमारत अचानक ढह गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है और कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई गई है। घटना की सूचना मिलते ही सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। यह घटना सुभाष चौक सर्किल के पास की है। देर रात करीब डेढ़ बजे मकान गिर गया, जिसके मलबे में कई लोग दब गए। रेस्क्यू टीम ने मलबे में दबे लोगों में से 7 लोगों को बाहर निकाला, जिसमें से 2 की मौत हो गई है। अन्य पांच लोगों को प्राथमिक इलाज के लिए भेजा गया है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर संतोष कुमार मीणा सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद।

जयपुर में एक मकान ढहने से पिता-पुत्री की मौत हो गई और पांच अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने बताया कि यह हादसा शुक्रवार देर रात सुभाष चौक सर्किल के पास हुआ। जिस मकान में यह हादसा हुआ उसमें 19 लोग किराए पर रहते हैं। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया हादसे का कारण मकान का जर्जर होना व लगातार हो रही बारिश को माना जा रहा है। सूचना मिलने पर पुलिस, प्रशासन व अन्य टीम मौके पर पहुंचीं।

हादसे में पिता-बेटी की जान गई

हादसे में प्रभात (33) और उनकी छह साल की बेटी पीहू की मौत हो गई। जबकि प्रभात की पत्नी सुनीता (25) घायल हो गईं। इन तीनों को सुबह रेस्क्यू टीमों ने मलबे से निकाला। इसके अलावा वासुदेव (34), उनकी पत्नी सुकन्या (23) और उनके दो बेटे सोनू (4) और ऋषि (6) को रात में ही बाहर निकाल लिया गया था। घायलों का SMS अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिनमें से एक को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।

बारिश बनी हादसे की वजह

स्थानीय निवासियों ने बताया कि शुक्रवार से रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण हवेली की कमजोर दीवारें और नींव भरभराकर गिर पड़ीं। यह मकान काफी पुराना और जर्जर अवस्था में था। इसमें 20 से ज्यादा किराएदार रहते थे, जो सभी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।

सुबह तक चला रेस्क्यू अभियान

हवेली गिरते ही सिविल डिफेंस और SDRF की टीमें मौके पर पहुंच गईं। रातभर बचाव अभियान चला और सुबह सात बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। इस दौरान ACP माणक चौक पीयूष कविया, रामगंज थानाधिकारी सुभाष कुमार और सुभाष चौक थानाधिकारी लिखमाराम पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे।

आसपास के मकान भी खतरे में

प्रशासन ने हादसे के बाद एहतियातन आसपास के मकानों को खाली करा लिया। जानकारी के अनुसार, सुभाष चौक क्षेत्र में पांच से ज्यादा ऐसे मकान हैं जो जर्जर हालत में हैं। अगर बारिश का दौर जारी रहा तो अन्य इमारतों में भी ऐसे हादसे हो सकते हैं।

प्रशासन की लापरवाही उजागर

गौर करने वाली बात यह है कि नगर निगम ने जर्जर भवनों की जो सूची बनाई थी, उसमें इस मकान का नाम शामिल ही नहीं था। प्रभात और उनका परिवार पिछले दो साल से यहां किराए पर रह रहा था। पूरी इमारत में केवल किराएदार ही रहते हैं, जबकि मकान शहाबुद्दीन नामक व्यक्ति का है।

बढ़ा खतरा, चेतावनी का सबक

एडीसीपी नॉर्थ दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने बताया कि इस इमारत में कुल 19 किराएदार रहते थे। हादसे में सात लोग घायल हुए, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है। यह घटना इस ओर इशारा करती है कि लगातार बारिश से शहर की कई पुरानी इमारतों पर खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन और नगर निगम को तत्काल कार्रवाई करते हुए इन इमारतों की मरम्मत या ध्वस्तीकरण करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। लिहाजा यह हादसा एक बड़ी चेतावनी है कि बारिश के दिनों में पुरानी और जर्जर इमारतों में रहना जानलेवा साबित हो सकता है। स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की जिम्मेदारी है कि समय रहते कार्रवाई करें और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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लखवीर सिंह शेखावत author

पत्रकारिता में पिछले सात साल से सक्रिय हैं, वर्तमान में टाइम्स नाउ में राजस्थान ब्यूरो हेड हैं। इससे पहले, ज़ी मीडिया और न्यूज़18 नेटवर्क के राजस्थान ...और देखें

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