जयपुर

राजस्थान विधानसभा सत्र में आएगा धर्मांतरण विरोधी संशोधन बिल, कितने साल सजा का होगा प्रावधान? जानें सबकुछ

राजस्थान सरकार ने धर्मांतरण विरोधी बिल में संशोधन की कैबिनेट अनुमति दे दी है। अब बिना कलेक्टर की अनुमति धर्म परिवर्तन या विवाह के जरिए धर्म परिवर्तन पर 7 से 20 साल तक की सजा और आर्थिक दंड होगा।

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जयपुर : राजस्थान सरकार 1सितंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के आगामी सत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून में संशोधन बिल पेश करेगी। शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। नए प्रावधानों के तहत बिना कलेक्टर की अनुमति के धर्म परिवर्तन या शादी के जरिए धर्म परिवर्तन अपराध माना जाएगा, जिसके लिए न्यूनतम 7 साल और अधिकतम 20 साल तक की सज़ा का प्रावधान होगा। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि संविधान हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने, पूजा-पद्धति अपनाने और धर्म परिवर्तन करने का अधिकार देता है। लेकिन अगर किसी के आचरण या व्यवहार से दूसरे समुदाय को ठेस पहुँचती है और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ती है, तो उसे अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा।

बिल में ‘कपट से धर्म परिवर्तन’ की परिभाषा भी तय की गई है। इसमें—

•बलपूर्वक कार्य करना

•धोखाधड़ी / फ्रॉड करना

•प्रलोभन देना

•दबाव बनाना

•जबरन प्रचार करना

•विवाह के जरिए धर्म परिवर्तन कराना

उपरोक्त तरीकों को अपराध माना जाएगा। वहीं, कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अपने धर्म में ‘घर वापसी’ करता है तो उसे अनुमति होगी।

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