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सोनप्रयाग से सिर्फ 36 मिनट में पहुंच जाएंगे बाबा केदारनाथ के धाम, 9 घंटे नहीं खानी पड़ेगी रास्ते की धूल और घाम

केदारनाथ यात्रा को आसान बनाने के लिए PM नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 13 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को बनाने की जिम्मेदारी अडानी इंटरप्राइजेस को दी गई है। 4,081 करोड़ की लागत से बनने वाला यह रोपवे 9 घंटे की पैदल चढ़ाई को सिर्फ 36 मिनट में पूरा कर देगा।
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केदारनाथ की यात्रा होगी आसान, 9 घंटे का सफर होगा सिर्फ 36 मिनट में

केदारनाथ में भगवान भोले बाबा के दर्शनों के लिए हर साल लाखों लोग उमड़ पड़ते हैं। कठिन चढ़ाई के साथ ही विपरीत मौसम और हर पल लैंडस्लाइड के खतरे के बीच श्रद्धालु केदारनाथ की यात्रा करते हैं। केदारनाथ द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल है और भोले बाबा के भक्त हर चुनौती को पार करते हुए यहां तक पहुंचते हैं। लेकिन सरकार श्रद्धालुओं की यात्रा को आसान बनाना चाहती है। इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 में केदारनाथ के लिए रोपवे का शिलान्यास किया था। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और अब इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। एक बार यह प्रोजेक्ट पूरा हो गया तो अभी जिस दूरी को तय करने में 9 घंटे लगते हैं, वह मात्र 36 मिनट में पूरी हो जाएगी।

जी हां, पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे निर्माण का टेंडर अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) को मिल गया है। करीब 13 किलोमीटर लंबे इस रोपवे का निर्माण 4,081 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इस परियोजना को नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ने मंजूरी दी है।

नहीं करनी होगी कठिन चढ़ाई

अभी श्रद्धालुओं को केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है। यह यात्रा श्रद्धालु पैदल, घोड़े पर, पालकी में या हेलीकॉप्टर के जरिए करते हैं। क्योंकि सड़क मार्ग सिर्फ सोनप्रयाग तक ही उपलब्ध है, यहां से आगे की यात्रा बेहद कठिन मानी जाती है, जिसे ज्यादातर यात्री पैदल, घोड़े पर या पालकी में करते हैं। यह रोपवे प्रोजेक्ट पूरा हो जाने के बाद यह यात्रा मात्र 36 मिनट में पूरी हो सकेगी, जिसे तय करने में पहले 9 घंटे तक का समय लग जाता था।

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प्रति घंटे 1,800 यात्री करेंगे 'उड़नखटोले' की सवारी

इस रोपवे को उड़नखटोला न कहा जाए तो और क्या कहें? 9 घंटे की दूरी को मात्र 36 मिनट का समय लेकर हवा में तैरते हुए जो तय करेगा वह उड़नखटोला ही हुआ। राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम ‘पर्वतमाला परियोजना’ के तहत बनने वाला इस रोपवे की दोनों तरफ हर घंटे 1800 यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी। यह न सिर्फ तीर्थयात्रियों के लिए बड़ी राहत होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा।

अदाणी समूह करेगा निर्माण और संचालन

जैसा कि हमने ऊपर ही बताया कि अडानी समूह इस प्रोजेक्ट का निर्माण करेगा। बनने के बाद 29 साल तक प्रोजेक्ट का संचालन भी अदाणी समूह ही करेगा। समूह के डिप्टी जनरल मैनेजर दुर्गा दत्त पांडेय ने बताया कि इसका निर्माण अदाणी समूह के सड़क, मेट्रो, रेल और जल प्रभाग की ओर से किया जाएगा। इस परियोजना का काम पूरा करने में करीब छह साल का समय लगेगा।

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पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अक्टूबर, 2022 को केदारनाथ पहुंचकर इस महत्वाकांक्षी रोपवे का प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद श्रद्धालुओं का सफर बेहद आसान और आरामदायक हो जाएगा।

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Digpal Singh author

साल 2006 से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। शुरुआत में हिंदुस्तान, अमर उजाला और दैनिक जागरण जैसे अखबारों में फ्रीलांस करने के बाद स्थानीय अखबारों और मै...और देखें

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