लखनऊ

राष्ट्रहित और जनहित में लिया गया निर्णय है हमारी संस्कृति: सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि ​​कोरोना के प्रारंभिक दिनों में उत्तर प्रदेश में कोविड की जांच की कोई सुविधा नहीं थी। जब पहला मरीज आगरा और नोएडा से आया, तो उनके सैंपल दिल्ली के प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स और सफदरजंग में भेजे गए थे। धीरे-धीरे प्रदेश में जांच की सुविधाएं विकसित की गईं और टेस्टिंग प्रक्रिया में सुधार हुआ।

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UP Chief Minister Yogi Adityanath: हमारे जीवन की तीन स्थितियां होती हैं, जिसमें पहली प्रवृत्ति, दूसरी विकृति और तीसरी संस्कृति होती है। इसमें स्थिति का यथारूप रहना प्रवृत्ति है। इंसान परिवर्तन तो चाहता है, लेकिन परिवर्तन करने के लिए अपने आपको तैयार करने में हिचकता है। वहीं अगर कोई संस्थान या इंसान लगातार गिरावट की ओर जाता है तो यह विकृति होती है। इसी कड़ी में अगर एक व्यक्ति निर्णय लेता है। उसका निर्णय व्यापक जनहित और राष्ट्रहित में है, तो उसका निर्णय संस्कृति है। इसी संस्कृति का एक बेहतरीन उदाहरण डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान है। संस्थान ने महज 19 वर्षों में 20 बेड से बढ़कर 1,375 बेड का विस्तार किया है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के स्थापना दिवस समारोह में कही। इस दौरान सीएम योगी ने 298 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया।

सीएम योगी आदित्यनाथ डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के स्थापना दिवस समारोह में हुए शामिल

हमें काम की गति से दो कदम आगे चलने के लिए तैयार रहना चाहिए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश और व्यक्ति की गति काल की गति है। हमें काल की गति से दो कदम आगे चलने के लिए तैयार रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति, समाज या देश काल की गति को पहचान नहीं पाता है, वह काल की चपेट में स्वयं आ जाता है क्योंकि काल की गति तो वही है, जिसके बारे में डॉ. श्याम नारायण पांडेय ने कहा था कि ये महाकाल का आसन है, इस पर किसी का शासन नहीं होता है। यदि कोई यह मन में बैठा ले कि मैं समय की गति को अवरुद्ध कर दूंगा, तो यह उसकी गलतफहमी होगी। ऐसे में हमें काल की गति से दो कदम आगे चलना होगा। अगर हम इस गति से चलेंगे तो प्रगति करेंगे, अगर नहीं चल पा रहे हैं, हम अपने को केवल समय के अनुरूप लेकर के जा रहे हैं, तो फिर हमें यथास्थितिवादी के रूप में लोग मानेंगे। हम कब आए, कब गए किसी को पता नहीं होगा।

सीएम योगी ने कहा कि वहीं अगर हमारे कारण संस्थान को नुकसान हो रहा है तो मानकर चलिए कि आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। काल की गति के मामले में संस्थान ने अच्छी प्रगति हासिल की है। यही वजह है कि संस्थान ने पांच वर्षों में प्रदेश के टॉप तीन चिकित्सा संस्थान में अपना नाम दर्ज कराया है। इसमें पहला केजीएमयू 110 वर्ष की अपनी आयु पूरी कर चुका है, दूसरा एसजीपीजीआई जो लगभग चार दशक पुराना है। वहीं लोहिया संस्थान ने काफी कम समय में एक लंबी छलांग लगाकर, प्रदेश के तीसरे टॉप चिकित्सा संस्थान में अपना नाम दर्ज कराया है। संस्थान की यह उपलब्धि दर्शाती है कि हमारी दिशा और लीडरशिप सही है। हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस दौरान कई भौतिक चुनौतियां आती हैं, लेकिन टीमवर्क होता है, कार्य करने का जज़्बा होता है, तो वह लोगों के मन में एक नए उत्साह का संचार करता है।

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