लखनऊ

आपदा प्रबंधन और तकनीकी क्रांति की ओर अग्रसर यूपी; 2047 तक GDP 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का सीएम योगी का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में "विकसित यूपी @2047" के लक्ष्य की दिशा में तेजी से काम कर रही है। प्रदेश में आपदा प्रबंधन, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीक और प्रभावी नीतियां लागू की जा रही हैं। 2047 तक यूपी की GDP 6 ट्रिलियन डॉलर और प्रति व्यक्ति आय 26 लाख रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
CM Yogi Adityanath (File Photo: ANI)

सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो: ANI)

Viksit UP 2047: उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में "विकसित यूपी @2047" के लक्ष्य को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री का उद्देश्य अगले 22 वर्षों में प्रदेश को इस काबिल बनाना है कि आपदाओं से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध हो और गरीबी लगभग समाप्त हो जाए।

इस दिशा में सरकार ने इसरो (ISRO) के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीकी उपकरणों को शामिल करने की पहल शुरू की है। इसके तहत मौसम पूर्वानुमान और आपदा राहत कार्यों को बेहतर बनाने के लिए सैटेलाइट लॉन्चिंग पर काम किया जा रहा है। इससे बाढ़, भूकंप और हीटवेव जैसी आपात परिस्थितियों की वास्तविक समय में जानकारी मिलेगी और राहत कार्य तेजी से संचालित किए जा सकेंगे।

हीटवेव, जलवायु परिवर्तन और भूकंप की चुनौतियां

प्रदेश में बढ़ती हीटवेव और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए लखनऊ, आगरा और वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों के लिए सिटी हीट एक्शन प्लान (HAP) तैयार कर लिया गया है, जबकि कानपुर और प्रयागराज के लिए इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। शहरी तापमान में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर, आईआईटी, एम्स और केजीएमयू जैसे राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञ इन योजनाओं को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं। हीटवेव के साथ-साथ भूकंप, अग्निकांड और रासायनिक दुर्घटनाओं से निपटने के लिए राज्य स्तर पर एचवीआरसीए (जोखिम, संवेदनशीलता और क्षमता का आकलन) पर काम किया जा रहा है। प्रदेश के 34 जिले भूकंप के लिहाज से संवेदनशील हैं, और इन क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल, फैक्ट्रियां, रेलवे परिसरों और मॉल्स में मॉक ड्रिल कर लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि आपात स्थिति में राहत कार्य तेजी से और सुरक्षित रूप से किए जा सकें।

"सबका साथ, सबका विकास" की नीति

उत्तर प्रदेश ने पिछले साढ़े आठ वर्षों में गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की है। राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार, 2015-16 की तुलना में प्रदेश में गरीबी दर में 20.28 प्रतिशत की कमी आई, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 13.57 प्रतिशत रहा। यह आंकड़ा यूपी की देश में सबसे तेज गरीबी उन्मूलन की प्रगति को दर्शाता है। सरकारी योजनाओं की प्रभावी पहुंच और "सबका साथ, सबका विकास" की नीति ने लगभग 6 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में मदद की है, साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

6 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी का लक्ष्य

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश की जीडीपी 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाए, जो पूरे देश की अनुमानित जीडीपी का 20 प्रतिशत होगी। इसके लिए प्रदेश को अगले 22 वर्षों में लगभग 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। वर्तमान में प्रदेश की जीडीपी 353 बिलियन डॉलर है, और इसे 2030 तक 1000 बिलियन, 2036 तक 2000 बिलियन, तथा 2047 तक 6000 बिलियन डॉलर यानी 6 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संकल्प है कि वर्ष 2047 तक प्रति व्यक्ति आय 26 लाख रुपये तक पहुंचाई जाए और प्रदेश को 'जीरो पॉवर्टी' स्तर तक लाया जाए।

योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट दृष्टिकोण

2017 से पहले प्रदेश आपदा प्रबंधन और आर्थिक विकास दोनों क्षेत्रों में पिछड़ा हुआ था। उस समय आपदा प्रबंधन की कोई ठोस योजना नहीं थी और सरकारी योजनाएं अंतिम व्यक्ति तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाती थीं। लेकिन साढ़े आठ वर्षों में शासन की दक्षता, पारदर्शिता और तकनीकी सहयोग ने इस स्थिति को बदल दिया है। अब उत्तर प्रदेश विकास की नई दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि विकसित यूपी का मतलब केवल आर्थिक उन्नति नहीं है, बल्कि आपदा प्रबंधन, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी मजबूत आधार स्थापित करना है।

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