गोरखपुर: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक फैसले के तहत सामूहिक विवाह योजना में कन्या को उपहार में सिंदूरदानी भी देने का निर्णय लिया है। गौर हो कि सामूहिक विवाह के दौरान गृहस्थी के समान में कुकर, जग या लोटा, थाली, गिलास, कटोरा व चम्मच, बक्सा तथा प्रसाधन सामग्री से भरी श्रृंगारदानी के अलावा कई चीजें दी जाती है। पहली बार इसके साथ ही कन्याओं को सिन्दूरदानी भी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में प्रति जोड़ा 51 हजार की बजाय एक लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
अब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में प्रति जोड़ा 51 हजार की बजाय एक लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें 60 हजार रुपये की धनराशि कन्या के बैंक खाते में अंतरित की जाएगी। पूर्व में यह रकम 35 हजार रुपये निर्धारित थी। अब उपहार सामग्री पर 10 हजार की जगह 25 हजार रुपये और भोज व अन्य व्यवस्थागत मद में 6 हजार की बजाय 15 हजार रुपये खर्च होगा।
सीएम योगी मंगलवार को हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (खाद कारखाना) के परिसर में 1200 जोड़ों के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे। योगी सरकार ने सामूहिक विवाह योजना में प्रति जोड़ा खर्च 51 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है और बढ़ी हुई धनराशि के साथ आज यह पहला आयोजन था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वास्तविक सरकार वही है जो जनता के घर जाकर उनकी समस्याओं का समाधान निकाल सके। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का ही एक अभियान है। यह कार्यक्रम बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की अगली कड़ी है। यह बाल विवाह, बहुविवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक रूढ़ियों पर भी प्रहार है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज सरकार की मंशा हर एक नागरिक के जीवन में परिवर्तन लाने की है। भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाने के लिए हमें समाज के अंतिम पायदान पर बैठे प्रत्येक व्यक्ति के बारे में सोचना होगा। हमें उसके जीवन में परिवर्तन लाना होगा। इसी परिवर्तन के उद्देश्य से सरकार द्वारा मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं योजना, कन्या सुमंगला योजना, आयुष्मान योजना आदि अन्य कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। सामूहिक विवाह योजना भी इसी प्रगतिशील सोच का प्रतीक है।
अब बेटी की शादी के लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कन्या सुमंगला योजना में शिक्षा के लिए उचित व्यवस्था के बाद बेटी की शादी के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चलायी गयी। आज गरीब अभिभावक को बेटी के विवाह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार गरीब कन्या का विवाह कराने का भी कार्य कर रही है। इस सामूहिक विवाह में मुख्यमंत्री के साथ विधायकगण एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण भी सम्मिलित होते है। उन्होंने कहा कि मुझे भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल हुए हैं, जो बाल विवाह, दहेज प्रथा व बहुविवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति दिलाने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि इस योजना में जाति, मत, मजहब एवं क्षेत्र के बंधन से मुक्त होकर सभी अपनी रीति-रिवाज के अनुसार रजिस्ट्रेशन कर सामूहिक विवाह में शामिल हो सकते है।
अब बिटिया के खाते में जाएंगे एक लाख रुपये
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति की कन्याओं के लिए केवल 20 हजार रुपये दिये जाते थे। यह धनराशि भेदभाव के साथ दी जाती थी, सभी को नहीं प्राप्त होती थी। 20 हजार की धनराशि भी पर्याप्त नहीं थी। यह धनराशि समय पर भी नहीं मिलती थी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना 2017 में शुरू की गयी थी तब इसकी राशि 35 हजार थी बाद में इसे बढ़ाकर 51 हजार एवं 1 अप्रैल 2025 से इस धनराशि को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। इसमें 60 हजार रुपये बेटी के खाते में जमा होंगे। शेष धनराशि गृहस्थी के सामान, कन्या के जेवर एवं भोजन व अन्य व्यवस्थाओं में व्यय किया जायेगा। सरकार यह कार्य दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को तिलांजलि देकर प्रत्येक गरीब के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए कर रही है।
निरंतर आगे बढ़ती रहेगी विकास प्रक्रिया
नवयुगलों के सुख, समृद्धि एवं मंगलमय जीवन की कामना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर एक परिवार को सशक्त एवं समर्थ बनाने के लिए विकास प्रक्रिया को निरंतर आगे बढ़ाती रहेगी। उन्होंने कहा कि आज हम सबको समाज में जाति भेद, अश्पृश्यता, बाल विवाह जैसी रूढ़िवादिता के खलाफ मजबूती से खड़े होने की आवश्यकता है। हम सबको सामूहिक रूप से इन कुप्रथाओं का विरोध करना पड़ेगा। दहेज भी इसी प्रकार की एक रूढ़िवादी प्रथा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना इस कुप्रथा पर एक प्रहार है।
लखनऊ के सारे कार्यक्रम छोड़कर यहां मौजूद हूं
बढ़ी धनराशि के साथ प्रदेश में सामूहिक विवाह योजना के पहले कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि किसी एक शादी में उनके लिए समय निकाल पाना मुश्किल होता है लेकिन मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन ऐसा है जहां मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक भी कन्यादान के कार्यक्रम में जुड़कर, लोगों का स्वागत करने के लिए खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने आज के सामूहिक विवाह कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके लिए वह लखनऊ के सारे कार्यक्रम छोड़कर यहां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन मान्यता रही है कि गांव की बेटी सबकी बेटी होती है।
सीएम ने 11 नवयुगलों को भेंट किया उपहार-शगुन किट
समाज कल्याण विभाग की तरफ से आयोजित इस समारोह में 1200 जोड़े विवाह के पावन बंधन में बंधे। नवयुगलों में हिंदू, मुस्लिम दोनों शामिल रहे। सभी नव दम्पतियों को आशीर्वाद देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके सुखमय और मंगलमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने मंच से 11 नवयुगलों को उपहार-शगुन किट भेंट किया। उपहार देने के दौरान मुख्यमंत्री ने जोड़ों से आत्मीय संवाद भी किया। मंच पर जोड़ों को आशीर्वाद देने के अलावा मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल के मुख्य मंडप में भी गए। मंडप की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ उन्होंने नवयुगलों पर पुष्प वर्षा कर उनको और उनके अभिभावकों को शुभकामनाएं दीं।