वर्ल्ड एक्सपो 2025 के पहले ही दिन ओसाका, जापान में छत्तीसगढ़ पैवेलियन दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बन गया। यहां राज्य की सांस्कृतिक विरासत, औद्योगिक प्रगति और पर्यटन की अनूठी झलक ने 22,000 से अधिक आगंतुकों को आकर्षित किया। यह पैवेलियन छत्तीसगढ़ को एक निवेश-तैयार, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और विकासशील राज्य के रूप में वैश्विक मंच पर स्थापित करता है।
Chhattisgarh Pavilion World Expo 2025: ओसाका, जापान में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो 2025 के पहले ही दिन छत्तीसगढ़ पैवेलियन दर्शकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया। उद्घाटन के दिन 22,000 से अधिक लोगों ने यहां पहुंचकर राज्य की समृद्ध विरासत, औद्योगिक विकास और पर्यटन की विशिष्ट झलक का आनंद लिया। भारत सरकार के इंडियन ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन (ITPO) के आमंत्रण पर छत्तीसगढ़ 24 से 30 अगस्त 2025 तक भारत पैवेलियन के तहत सक्रिय रूप से अपनी भागीदारी निभा रहा है। आज इस भव्य पैवेलियन का विधिवत शुभारंभ हुआ।
छत्तीसगढ़ पैवेलियन वर्ल्ड एक्सपो 2025
इस पैवेलियन को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह आगंतुकों को एक जीवंत और यादगार अनुभव प्रदान करे। इसमें छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत, औद्योगिक क्षमता और पर्यटन की व्यापक संभावनाओं को खूबसूरती से एक साथ प्रस्तुत किया गया है। यह प्रदर्शनी वैश्विक दर्शकों को राज्य की विकास यात्रा और भविष्य की संभावनाओं की झलक प्रदान करती है। पैवेलियन में छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध धरोहर को विशेष रूप से उकेरा गया है। नवा रायपुर भारत का पहला ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, यहां निवेश और औद्योगिक विकास के केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का विषय रहा।
सांस्कृतिक गहराई और आध्यात्मिक विरासत
छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक पहचान, चित्रकोट जलप्रपात, पैवेलियन में आने वाले दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात होने के कारण इसे भारत का नियाग्रा कहा जाता है। वहीं, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व से जुड़ा सीतापुर भी प्रदर्शनी में प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया। यह स्थल 8वीं शताब्दी ईस्वी का एक विशाल बौद्ध केंद्र है, जो छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक गहराई और आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है। भारत और जापान की साझा सांस्कृतिक विरासत के इस मंच पर, छत्तीसगढ़ बुद्ध के विचारों और शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए शांति, समावेशिता और सतत विकास के मूल्यों को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है।
पैवेलियन में छत्तीसगढ़ की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। देश के केंद्र में स्थित यह राज्य अपने उन्नत मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के कारण भारत का उभरता हुआ लॉजिस्टिक हब बनता जा रहा है। विनिर्माण, वस्त्र, आईटी/आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रामोद्योग जैसे विविध क्षेत्रों में राज्य की तेजी से हो रही प्रगति को प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शित किया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ एक निवेश-तैयार गंतव्य के रूप में वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। इसके साथ ही, राज्य की सांस्कृतिक पहचान भी पैवेलियन में जीवंत रूप से उभर कर सामने आती है। बस्तर की प्रसिद्ध ढोकरा कला 4,000 वर्ष पुरानी और जीआई टैग प्राप्त यह पारंपरिक धातु शिल्प अपने अनगढ़ सौंदर्य और मौलिकता से दर्शकों को खासा प्रभावित कर रही है।
छत्तीसगढ़ पैवेलियन की भव्य शुरुआत
इसी तरह, छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा माने जाने वाले कोसा सिल्क ने भी पैवेलियन में दर्शकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। अपनी प्राकृतिक चमक, मजबूती और विशिष्ट आकर्षण के लिए प्रसिद्ध यह रेशम, राज्य के वनों में पाए जाने वाले एंथरेया मायलिट्टा रेशमकीट से तैयार किया जाता है। कोसा सिल्क से निर्मित कलात्मक इंस्टॉलेशन छत्तीसगढ़ की उस आत्मा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है, जिसमें आध्यात्मिकता, प्रकृति और विकास के बीच संतुलन साफ झलकता है। वर्ल्ड एक्सपो 2025 में छत्तीसगढ़ पैवेलियन की भव्य शुरुआत और रिकॉर्ड संख्या में दर्शकों की उपस्थिति ने इस प्रदर्शनी की दिशा तय कर दी है। यह पैवेलियन न केवल राज्य की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है, बल्कि छत्तीसगढ़ को सतत औद्योगिक विकास और वैश्विक निवेश के नए केंद्र के रूप में सशक्त रूप से स्थापित करता है।