वाराणसी

सड़क चौड़ीकरण की जद में पद्मश्री मोहम्मद शाहिद का मकान होगा जमींदोज?

वाराणसी के विकास के लिए शहर के अलग-अलग हिस्सों में सड़क चौड़ीकरण का अभियान चल रहा है। सड़क चौड़ीकरण की जद में वैसे तो कई दुकानें और मकाने आ रही हैं , लेकिन हर किसी की नजर हॉकी के महान खिलाड़ी पद्मश्री मोहम्मद शाहिद के मकान पर टिकी है।

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वाराणसी: वाराणसी के विकास के लिए शहर के अलग-अलग हिस्सों में सड़क चौड़ीकरण का अभियान चल रहा है। इसी के तहत संदहा से गोलघर कचहरी तक लगभग 9 किलोमीटर सड़क पर बुलडोजर की कार्रवाई हो रही है। सड़क चौड़ीकरण की जद में वैसे तो कई दुकानें और मकाने आ रही हैं , लेकिन हर किसी की नजर हॉकी के महान खिलाड़ी पद्मश्री मोहम्मद शाहिद के मकान पर टिकी है। गोलघर कचहरी के पास स्थित मोहम्मद शाहिद के मकान पर भी बुलडोजर का खतरा मंडरा रहा है।

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रहे मोहम्मद शाहिद का वाराणसी स्थित मकान

मकान को स्मारक बनाने की मांग

ओलंपियन और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रहे मोहम्मद शाहिद का मकान भी सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहा है। अगले एक हफ्ते में उनके मकान को जमींदोजन कर दिया जाएगा। इसे लेकर अब विवाद की स्थिति गहराती जा रही है। उनके परिवार के लोगों का ये मानना है कि मकान के बदले में उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। मकान टूटने के बाद वो सड़क पर आ जाएंगे। अगर मकान तोड़ा जा रहा है तो उनके नाम पर स्मारक बनवाया जाए, ताकि लोग मोहम्मद शाहिद के यादों को सहेज सकें।

बनारस का नाम किया रौशन

मोहम्मद शाहिद का बचपन इसी मकान में बीता। इसी मकान से निकलकर उन्होंने हॉकी की दुनिया में भारत का नाम रौशन किया। मोहम्मद शाहिद ना सिर्फ भारत बल्कि बनारस के लिए भी गौरव थे। साल 1996 में उनका इंतकाल हो गया। इसके बाद उनके बेटे और पत्नी दूसरे मकान में शिफ्ट हो गए। लेकिन मोहम्मद शाहिद के बड़े भाई आज भी पैतृक मकान में ही रहते हैं। इस मकान की दरों दीवारें आज भी मोहम्मद शाहिद की यादों को समेटे हैं। परिवार के लोगों का मानना है कि इस मकान के टूटने के साथ ही मोहम्मद शाहिद की यादें भी बिखर जाएंगी। (आशुतोष की रिपोर्ट)

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