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Delhi Muslim MLA Full List: दिल्ली में कितने मुस्लिम बने विधायक, AAP से 4 पहुंचे विधानसभा; जानें किसे मिली हार

Delhi Muslim MLA Full List: दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ है। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को 40 सीटों का नुकसान हुआ है। हालांकि, मुस्लिम बाहुल्य मानी जाने वाली छह में से पांच सीटों पर ‘आप’ के उम्मीदवारों को सफलता मिली है। आइये जानते हैं वो कौन से चेहरे हैं?

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Delhi Muslim MLA Full List: दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 70 में से 48 सीटों पर जीत कर बहुमत की रेखा को पार कर लिया। हालांकि, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को कुल 22 सीटें ही मिलीं। बीजेपी को इस बार कुल 40 सीटों का फायदा हुआ तो उतनी ही सीटों का घाटा आम आदमी पार्टी को हुआ। आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन भी चुनाव हार गए, लेकिन उसके 4 मुस्लिम प्रत्याशी विधायक बनकर विधानसभा पहुंच चुके हैं! दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) की कथित निष्क्रियता से मुस्लिम समुदाय नाराज़ बताया जा रहा था, लेकिन इन विधानसभा चुनाव में उसने ‘झाड़ू’ को ही प्राथमिकता दी। सभी 70 विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य मानी जाने वाली छह में से पांच सीटों पर ‘आप’ के उम्मीदवारों को सफलता मिली है। इस बार ‘आप’ को मुस्तफाबाद सीट पर हार का सामना करना पड़ा जहां पिछली बार उसके उम्मीदवार हाजी युनूस ने जीत हासिल की थी।

दिल्ली के मुस्लिम विधायक

दिल्ली में छह मुस्लिम बाहुल्य सीट

  • सीलमपुर
  • मुस्तफाबाद
  • मटिया महल
  • बल्लीमारान
  • ओखला
  • बाबरपुर
हालांकि चुनाव से पहले यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के 2020 के दंगे, कोरोना वायरस महामारी के दौरान उपजे तब्लीगी जमात के मुद्दे और अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े मुद्दों पर पार्टी की कथित चुप्पी को लेकर मुस्लिम मतदाताओं में ‘आप’ को लेकर नाराज़गी है। मगर चुनावी नतीजों के मुताबिक, मुस्लिम बहुल सीटों पर ‘आप’ के उम्मीदवार ही समुदाय की पहली पसंद रहे। मुस्लिम राजनीति के जानकार एवं ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज़ (सीएसडीएस) में एसोसिएट प्रोफेसर हिलाल अहमद ने कहा कि यह चुनाव उम्मीदवार केंद्रित था, क्योंकि चुनाव से पहले नेताओं ने जिस तरह से दल बदल किया, उसके बाद मतदाताओं ने उम्मीदवार देखकर वोट दिया। पूरी दिल्ली में जिस तरह से लोगों ने मतदान किया है, उसी तरह से मुस्लिम समुदाय ने भी मतदान किया है तथा समुदाय ने भी उम्मीदवार को देखकर वोट दिया है। अहमद ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जिन इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया है, उन क्षेत्रों में पार्टी के पुराने उम्मीदवार थे। लेकिन मुस्लिम वोट बंटा भी है, खासकर मुस्तफाबाद में।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुसलमान भाजपा को रोकने के लिए वोट नहीं देते हैं। छह से आठ फीसदी मुसलमान दिल्ली में हमेशा से भाजपा को वोट देते आए हैं जो उम्मीदवार केंद्रित वोट होता है। आम आदमी पार्टी के एक नेता ने बताया कि दिल्ली में रणनीतिक तरीके से मतदान होता है और सभी वर्ग इस तरह से वोट देते हैं जिसमें मुस्लिम भी शामिल हैं। उन्होंने एआईएमआईएम को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि उसके दोनों उम्मीदवार ऐसे थे जिनसे लोग अपने मोहल्लों का काम नहीं करा सकते थे।

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