Navras Katha Collage Review: 9 कहानियों का बेहतरीन संगम है प्रवीण हिंगोनिया की फिल्म, पढ़ें रिव्यू

​Navras Katha Collage Review: इस शुक्रवार सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म 'नवरस कथा कोलाज' अपने टाइटल पर बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि इसमें सभी 9 रस मौजूद हैं। प्रवीण हिंगोनिया ने इसमें टोटल 9 रोल निभाए हैं और हर रोल को बखूबी पर्दे पे उतारा है। यहां इस फिल्म के रिव्यू पर एक नजर डालते हैं

क्रिटिक्स रेटिंग

3.5
Navras Katha Collage Movie Review in Hindi

Navras Katha Collage Movie Review in Hindi

Navras Katha Collage Review: आज कल हमें वो चीजें ज्यादा पसंद आती हैं जिनमें एक से ज्यादा गुण हों। हर बॉस चाहता है उसे मल्टीटास्क करने वाला कर्मचारी मिले। हर आदमी चाहता है उसे सर्वगुण सम्पन्न पत्नी मिले। फिर भला दर्शक क्यों पीछे रह जाएं। जब हम सिनेमाघरों में पैसे देकर जाते हैं, तो यही चाहते हैं एक ऐसी फिल्म देखें जिसमें हंसी भी आए, रोना भी आए, मसाला भी हो और अच्छी कहानी भी। पर सभी फिल्मों में ऐसा देखने को नहीं मिल पाता है। कई लोगों को इस बारे में जानकारी शायद न हो पर एक्टिंग में 9 प्रकार के रस होते हैं इसलिए इन्हें नवरस कहा जाता है। हास्य रस, करुण रस, श्रृंगार रस (रोमांस), वीर रस, अद्भुत रस, रौद्र रस, शांत रस, भयानक रस और विभत्स रस अदाकारी के मूल रस माने जाते हैं। इस शुक्रवार सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म 'नवरस कथा कोलाज' अपने टाइटल पर बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि इसमें सभी 9 रस मौजूद हैं। प्रवीण हिंगोनिया ने इसमें टोटल 9 रोल निभाए हैं और हर रोल को बखूबी पर्दे पे उतारा है। यहां इस फिल्म के रिव्यू पर एक नजर डालते हैं।

फिल्म की कहानी

फिल्म नवरस की कई कहानियों में पहली कहानी रोहित से कोयल की शादी की है। रोहित कोयल का साथ छोड़कर दुबई चला जाता है। दहेज के लोभी की यह स्टोरी दिल को छू जाती है। किन्नर के रोल में प्रवीण हिंगोनिया ने जो एक्टिंग की है वह एकदम नेचुरल लगती है। दूसरी कहानी 'क्यों' रुहाना की जिंदगी की स्टोरी है। दिल्ली बस गैंग रेप से प्रेरित इस स्टोरी में रूहाना का गैंग रेप और मर्डर कर दिया जाता है। मुख्य आरोपी जग्गू (प्रवीण हिंगोनिया) को फांसी हो जाती है। यह कहानी एक सोशल मैसेज देती है।
तीसरी कहानी 'नॉट फिट द बिल' मुम्बई नगरिया में एक्टर बनने का सपना लेकर आए पुरुषोत्तम लाल मिश्रा (प्रवीण हिंगोनिया) की है। मिश्रा जी फिल्म में राजेश शर्मा से मिलते हैं और कहते हैं कि मैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसा कैरेक्टर आर्टिस्ट बनना चाहता हूं। अगली स्टोरी 'खिलौना' घरेलू हिंसा की कहानी है। थेरेपी सेंटर में काम करने वाली महिला, दूसरी औरत को समझाती है कि रोना सबसे अच्छी थेरेपी है। सुसाइड कायर करते हैं। घरेलू हिंसा सहना ठीक नही है। एक और कहानी 'मैं भगत सिंह बनना चाहता हूं' में एक सरदार के रोल में प्रवीण हिंगोनिया ने प्रभावित किया है। कई साल से दिलेर लापता है, उसकी मां परेशान रहती है। वहीं 'समय चक्र'ऑटो ड्राइवर प्रवीण हिंगोनिया की कहानी है, जिसकी मां बहुत बीमार है। बहु बोलती है, तेरी मां के इलाज में लाखों खर्च हो गए। दिल दहला देने वाली स्टोरी है।
इसके अलावा 'व्हाट हैपेन्ड इन सुहागरात' शादी के दूसरे दिन होने वाली तलाक की कहानी है। दोनों शादी के सिस्टम से नफरत करते हैं। दोनों के मां बाप ने शादी के लिए जोर दिया। दोनों ने सुहागरात में अपने अतीत को याद किया। दोनों ने बताया कि उनके मां बाप हमेशा झगड़ते थे। वहीं एक कहानी 'हैप्पी मैरिज एनिवर्सरी' शादी की सालगिरह पर हुए चौंकाने वाले खुलासे की स्टोरी है।फिल्म की आखरी स्टोरी 'संतान' बाप बेटे के रिश्ते और इमोशंस पर बनी कहानी है, जो आपकी पलकों को नम कर सकती है।

परफॉर्मेंस और निर्देशन
फिल्म में प्रवीण हिंगोनिया, शीबा चड्ढा, राजेश शर्मा, अल्का अमीन, अतुल श्रीवास्तव, पारितोष त्रिपाठी, शाजी चौधरी, दयानंद शेट्टी, रेवती पिल्लई, सुनीता जी, महेश शर्मा, प्राची सिन्हा, अमरदीप झा, श्रेया झा, जय शंकर त्रिपाठी, ईशान शंकर और स्वर हिंगोनिया जैसे टैलेंटेड एक्टर्स हैं। जो फिल्म की सभी कहानियों को गहराई देते हैं। मूवी का निर्देशन भी यह ध्यान में रखकर किया गया है कि कहानी का मैसेज भी क्लियर हो जाए और यह बोरिंग भी न लगे।

देखें या नहीं?

यह एक ऐसी फिल्म है जो एंटरटेनमेंट के साथ ही आपको कई गंभीर मैसेज भी दे देती है। फिल्म को आप इन मैसेज के लिए जरूर देख सकते हैं क्योंकि यह आपको काफी कुछ सीखाती भी है। हमारे हिसाब से यह एक अच्छी वन टाइम वॉच मूवी है।
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आर्टिकल की समाप्ति

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