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Ashwin Month Diet: अश्विन मास में कैसा होना चाहिए खानपान, आयुर्वेद के अनुसार क्या खाएं और किन चीजों से करें परहेज

Ayurveda Diet Tips For Ashwin Month In Hindi: हिन्दु कैलेंडर के अनुसार सितंबर और अक्टूबर के बीच के समय को आश्विन मास कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार इस दौरान खानपान पर खास ध्यान देना जरूरी है। लेकिन इस दौरान क्या खाएं और किन चीजों से परहेज करें, इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। आज हम आपके लिए अश्विन मास के दौरान खानपान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण डाइट टिप्स लेकर आए हैं। तो चलिए जानते हैं....

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Ayurveda Diet Tips For Ashwin Month In Hindi: आश्विन मास, जो हर साल सितंबर और अक्टूबर के बीच आता है, आयुर्वेद के अनुसार सेहत के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय मौसम बरसात से शरद ऋतु की ओर बदल रहा होता है, ऐसे में शरीर पर भी इसका असर साफ दिखाई देता है। अक्सर इस दौरान पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, भूख कम लगती है और कई बार एसिडिटी या गैस जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं।

Ayurveda Diet Tips For Ashwin Month

हेल्थ इन्फ्लूएंसर, आयुर्वेदिक गाइनकोलॉजिस्ट और फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. चंचल शर्मा (MD Ayurveda, Director – Aasha Ayurveda) कहती हैं कि इस समय खानपान में सावधानी न बरतने पर छोटी-छोटी दिक्कतें बड़ी परेशानी का रूप ले सकती हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि इस मास में क्या खाएं और किन चीजों से परहेज करें।

हल्का और सुपाच्य भोजन है बेहतर

डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार आश्विन मास में पाचन शक्ति कमजोर रहती है, इसलिए इस दौरान हल्का और सुपाच्य भोजन करना सबसे बेहतर है। खिचड़ी, मूंग दाल का सूप, दलिया और हरी सब्जियां पचने में आसान होती हैं और शरीर को ऊर्जा देती हैं। वहीं, तैलीय और ज्यादा मसालेदार खाना इस मौसम में शरीर को भारी कर सकता है और एसिडिटी बढ़ा सकता है।

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