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क्या है AI डिप्रेशन सिंड्रोम, टेक्नोलॉजी के युग में क्यों बढ़ रहा युवाओं का अकेलापन और उदासी, बता रहे हैं एक्सपर्ट

AI Depression Syndrome In Hindi:डिजिटल युग में अब युवाओं के लिए एक नई समस्या सामने आ गई है। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डिप्रेशन सिंड्रोम नई पीढ़ी के लिए मानसिक खतरे की तरह उभर रहा है। लगातार एआई पर निर्भरता, करियर का प्रेशर और सोशल मीडिया की नकली दुनिया युवाओं को डिप्रेशन की ओर धकेल रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार यह सिंड्रोम आत्मविश्वास, क्रिएटिविटी और मानसिक संतुलन को कमजोर करता है। आज के लेख में हम जानेंगे आखिर एआई डिप्रेशन सिंड्रोम (AI Depression Syndrome) क्या है, इसके लक्षण, कारण और इससे बचने के उपाय।
AI Depression Syndrome

AI Depression Syndrome

AI Depression Syndrome In Hindi: आज के डिजिटल युग में हर जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की चर्चा है। चाहे स्टूडेंट हों, ऑफिस प्रोफेशनल्स या फिर क्रिएटिव लोग, सभी अपनी सुविधा के लिए एआई टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें कोई असाइनमेंट बनाना हो, प्रेजेंटेशन तैयार करनी हो या कंटेंट लिखना हो, एआई की मदद से हर काम चुटकियों में हो जाता है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि यह आसानी कहीं हमारी मानसिक सेहत के लिए बोझ तो नहीं बन रही? स्वास्थ्य विशेषज्ञ अब एआई के की वजह से युवाओं में बढ़ती नई समस्याओं को लेकर चेतावनी दे रहे हैं।

एक्सपर्ट की मानें तो एआई की वजह से टेक्नोलॉजी की दुनिया में युवा 'AI डिप्रेशन सिंड्रोम' की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। आजकल इंसान हर चीज के लिए एआई पर इतना निर्भर हो चुके हैं कि वह अपनी सोच और आत्मविश्वास खोने लगे हैं, जो उनमें उदासी और डिप्रेशन जैसी स्थितियों का कारण बन रहे हैं, खासतौर पर भारत के युवा इस समस्या की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद की मनोचिकित्सक और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मीनाक्षी जैन की मानें तो यह मानसिक खतरा आने वाले समय में और बड़ा रूप ले सकता है। आज हम आपको एआई डिप्रेशन सिंड्रोम क्या है, इसके लक्षण, कारण और इससे बचने के उपाय के बारे में विस्तार से बता रहे हैं....

क्या है AI डिप्रेशन सिंड्रोम? (What Is AI Depression Syndrome In Hindi)

यथार्थ अस्पताल के कंसल्टेंट सायकायट्रिस्ट डॉ.सामंत दर्शी कहते हैं 'डिप्रेशन सिंड्रोम कोई आधिकारिक बीमारी का नाम नहीं है, बल्कि यह एक मानसिक स्थिति है। इसमें व्यक्ति इतना ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर हो जाता है कि उसके खुद से सोचने और क्रिएटिव काम करने की आदत कमजोर हो जाती है।'

  • इंसान को लगता है कि बिना AI के वह कुछ भी सही नहीं कर सकता।
  • आत्मविश्वास धीरे-धीरे कम हो जाता है।
  • दिमाग थकान और खालीपन महसूस करने लगता है।
  • लंबे समय में यह स्थिति डिप्रेशन तक पहुंचा सकती है।

वहीं डॉ. मीनाक्षी जैन कहती हैं कि इसे मनोविज्ञान में 'टेक्नो-स्ट्रेस' या 'एआई-इन्ड्यूस्ड एंग्जायटी (AI-induced anxiety)' भी कहा जाता है क्योंकि यह तकनीक से जुड़ी चिंता और तनाव दोनों बढ़ाती है।

नई पीढ़ी सबसे ज्यादा क्यों हो रही प्रभावित?

डॉक्टर्स की मानें तो भारत की जेनरेशन Z (Gen-Z) यानी 18 से 30 साल के युवाओं में यह समस्या ज्यादा देखी जा रही है। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे,

  • तेज नतीजे चाहने की आदत: आज की पीढ़ी तुरंत रिजल्ट चाहती है। आज के समय में एआई उनके लिए शॉर्टकट बन चुका है।
  • करियर का दबाव: उन्हें हम समय यह डर रहता है कि कहीं मशीन उनकी नौकरी न छीन ले।
  • सोशल मीडिया का प्रेशर: परफेक्ट दिखने की चाह और वर्चुअल दुनिया से तुलना करना भी एक बड़ी वजह है।
  • मानव संबंधों की कमी: असली लोगों से मिलने-जुलने के बजाय चैटबॉट्स और वर्चुअल साथियों से जुड़ाव बढ़ रहा है।
इस वजह से युवाओं में असुरक्षा और अकेलेपन की भावना बढ़ रही है, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य को कमजोर कर रही है।

देश के लोगों के लिए भी बन रही बड़ी समस्या

डॉ.सामंत दर्शी बताते हैं 'भारत में करीब 65% जनसंख्या 35 साल से कम है। यही लोग सबसे ज्यादा एआई टूल्स (AI Tools) का इस्तेमाल कर रहे हैं, इनमें अलग-अलग श्रेणी के लोग शामिल हैं' जैसे,

  • स्टूडेंट्स: असाइनमेंट्स और प्रोजेक्ट्स बनाने के लिए एआई पर निर्भर हैं। इससे उनकी असली सीखने और सोचने की क्षमता प्रभावित हो रही है।
  • प्रोफेशनल्स: आईटी, कंटेंट और डिजाइन फील्ड्स में 'एआई रिप्लेसमेंट फोबिया' यानी नौकरी खोने का डर बहुत अधिक बढ़ गया है।
  • रिश्ते: अब कई युवा इंसानी बातचीत से ज्यादा समय चैटबॉट्स के साथ बिताते हैं। इससे असली रिश्तों में दूरी आ रही है, जो उनकी मनोदशा को खराब कर रही है।

AI डिप्रेशन सिंड्रोम के लक्षण (AI Depression Syndrome Symptoms In Hindi)

एआई की वजह से होने वाली डिप्रेशन को आप समय रहते आसानी से पकड़ सकते हैं। अगर आप या आपका कोई जानने वाला इस स्थिति से गुजर रहा है तो ये संकेत दिख सकते हैं,

  • आत्मविश्वास की कमी
  • हर छोटे-बड़े काम के लिए एआई पर निर्भरता
  • ह्यूमन इंटरैक्शन से दूरी
  • खुद को बेकार या कमजोर महसूस करना
  • क्रिएटिविटी और मोटिवेशन का खत्म होना
  • लगातार थकान या बेचैनी

डॉ. जैन कहती हैं कि अगर समय रहते इन संकेतों को न पहचाना जाए तो यह स्थिति गंभीर डिप्रेशन में बदल सकती है।

AI डिप्रेशन सिंड्रोम से बचाव कैसे करें (How To Prevent AI Depression Syndrome In Hindi)

सायकायट्रिस्ट की मानें तो इस समस्या से बचना मुश्किल नहीं है, बस आपको इसके लिए कुछ संतुलित आदतें अपनाने की आवश्यक है जैसे,

1. AI को टूल बनाइए, सहारा नहीं

एआई को मददगार साधन की तरह इस्तेमाल करें, न कि हर काम के लिए बैसाखी की तरह।

2. डिजिटल डिटॉक्स करें

रोज कुछ घंटे मोबाइल और लैपटॉप से दूरी बनाइए। किताबें पढ़ें, टहलने जाएं या परिवार के साथ समय बिताएं।

3. स्किल्स अपग्रेड करें

नई-नई स्किल्स सीखिए ताकि आपकी खुद की क्रिएटिविटी और विश्लेषणात्मक क्षमता बनी रहे।

4. असली रिश्तों में वक्त दीजिए

दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने से अकेलापन और तनाव काफी हद तक कम हो जाता है।

5. मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मदद लें

अगर स्थिति बिगड़ रही हो तो तुरंत किसी साइकाइट्रिस्ट या काउंसलर से संपर्क करें।

एक्सपर्ट की क्या है सलाह?

दोनों ही डॉक्टर्स का मानना है कि 'एआई हमारी जिंदगी को आसान बनाने का साधन है। लेकिन अगर हमने इसे अपनी सोच और निर्णय लेने की क्षमता का विकल्प बना लिया तो यह हमें भीतर से कमजोर कर देगा। युवाओं को यह समझना होगा कि इंसानी दिमाग और भावनाओं की ताकत कहीं ज्यादा बड़ी है। संतुलन बनाए रखना ही आने वाले समय की सबसे बड़ी चुनौती है।'

निष्कर्ष

डॉक्टर्स की मानें तो भले ही आज एआई जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है, यह काम आसान करता है, समय बचाता है और हमें नए अवसर देता है। लेकिन अगर हम हर काम के लिए इस पर निर्भर हो जाएं तो यह हमारी सोच, आत्मविश्वास और भावनाओं को कमजोर कर सकता है। यही स्थिति एआई डिप्रेशन सिंड्रोम कहलाती है।

युवाओं के लिए यह और भी बड़ा खतरा है क्योंकि वे करियर के प्रेशर, सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी की दौड़ में फंसे हुए हैं। सही रास्ता यही है कि एआई को सहायक साधन की तरह अपनाएं, लेकिन इंसानी दिमाग और रिश्तों की ताकत को कभी कम न आंकें। तभी तकनीक वरदान बनेगी, अभिशाप नहीं।

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Vineet author

विनीत टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में फीचर डेस्क के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़े हैं। वे मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। इन्हें हेल्थ, फिटनेस और न्य...और देखें

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