Fatehpur News: फतेहपुर में मकबरे को लेकर हुए विवाद के बाद अब हालत सामान्य हो गए है। मकबरे के पास त्रिस्तरीय बैरिकेटिंग कर दी गई है। मौके पर पीएसी और पुलिस के जवान तैनात है। सीओ स्तर के अधिकारी के पास पूरी सुरक्षा की कमान है। इसके अलावा पुलिस मकबरे के पास के इलाके में पेट्रोलिंग भी कर रही है। ड्रोन कैमरे के जरिए निगरानी भी रखी जा रही है। खास तौर पर छतों पर पत्थर तो जमा नहीं है ये भी ड्रोन के जरिए मोनिटर किया जा रहा है ।
फतेहपुर मकबरा विवाद (फोटो: टाइम्स नाउ नवभारत)
दरअसल अब मकबरे के जमीनी दस्तावेजो की भी पड़ताल शुरू हो गई है। पुराने डॉक्यूमेंट भी खंगाले जा रहे है टाइम्स नाऊ नवभारत के पास इस जमीन से जुड़े 1927 के दस्तावेज मौजूद हैं जिनमें 752 और 753 खाता संख्या का मैप भी है। 752 खाता संख्या में ये मकबरा बना हुआ है और 753 नंबर को लेकर भी विवाद चल रहा है।
1927 में SDM कोर्ट में बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हुई
1927 में SDM कोर्ट में बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हुई। जिसमें रस्तोगी परिवार, बसंत सिंह और मान सिंह के बीच बंटवारा हुआ। 752 नंबर का हिस्सा वसंत सिंह के पास गया। जिसमें मकबरा बना हुआ है। अब मकबरे का मालिकाना हक कैसे वक्फ बोर्ड के पास चला गया इसको लेकर हिंदू पक्ष मुस्लिम पक्ष पर भूमाफियाओं से सांठगांठ कर हेर फेर करने का आरोप लगा रहा है। वीएचपी के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडे का कहना है कि सपा सरकार के दौरान ये पूरी साजिश रची गई और यहां मजारे बनना शुरू हुई । फिर एक से तीन मजारें कर ली गई। धीरे धीरे मुतवल्ली भी तैनात कर दिया गया और फिर वक्फ बोर्ड की इसमें एंट्री हो गई।
वीरेंद्र पांडे के अलावा मनोज त्रिवेदी जिन्होंने मकबरे में पूजा की है उनका भी कहना है कि मंदिर के जो स्मृति चिन्ह होते है जिसमें कमल का फूल, त्रिशूल, मंदिर के घंटे बांधने के लिए जंजीर, परिक्रमा मार्ग, भगवा रंग में इसकी पुताई ऐसे कई तथ्य है जो इसके मंदिर होने की पुष्टि करते है।
'उनके पुरखों ने मंदिर में पूजा की है'
फतेहपुर के लोग भी कहते है कि उनके पुरखों ने मंदिर में पूजा की है। मकबरे की जमीन को लेकर कोई दस्तावेज मुस्लिम समाज के पास नहीं है। डीएम से जब हिन्दू संगठनों का डेलिगेशन मिला था तो इस सम्बन्ध में जांच की मांग हुई थी और डीएम ने हमे बताया भी था कि दस्तावेजों की जांच हो रही है। लेकिन प्रशासन ने हमारी बात को गंभीरता से नहीं लिया। अब इस मामले में प्रशासन को निर्णय लेकर हमें पूजा का अधिकार देना चाहिए।
मकबरा मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को नामजद किया
मकबरा मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को नामजद किया है इसमें बीजेपी नेता अजय सिंह , अभिषेक शुक्ला , रितेश और विनय तिवारी के नाम भी शामिल है.....इन लोगों का कहना है कि प्रशासन ने एकपक्षीय कार्यवाही की है मुस्लिम पक्ष के लोग जिन्होंने तलवारें निकाली पथराव किया उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया और प्रशासन अपना काम करे हम अपना काम करेंगे हम वहां गए थे क्योंकि वहां हिन्दू संगठनों सनातनी जनता ने आवाहन किया था।
हमें अपने मंदिर में पूजा करने से कोई अनुमति की जरूरत नहीं फिर भी हमने प्रशासन को जानकारी दी थी। कुछ अराजक तत्व वहां आ गए जो भीड़ में शामिल हो गए। अब 16 को जन्माष्टमी है इसको लेकर हम पूजा करने जायेंगे। हमें न बैरिकेटिंग रोक सकती है न ही पुलिस । पूजा करना हमारा अधिकार है और उसके लिए हमें परमिशन नहीं चाहिए। जन्माष्टमी से पहले मंदिर समिति की बैठक होगी और बैठक में जो भी तय होगा वैसा किया जाएगा। अगर पूजा होती आई है जन्माष्टमी पर तो हम पूजा करने जायेंगे, हमारे आराध्य को पूजने के लिए कोई बाधा नहीं है।