देश

हर परिवार में होने चाहिए 3 बच्चे, धर्मांतरण और अवैध प्रवास जनसांख्यिकीय असंतुलन के प्रमुख कारण...बोले RSS प्रमुख भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि धर्मांतरण और अवैध प्रवास जनसांख्यिकीय असंतुलन के प्रमुख कारण हैं। हमें अवैध प्रवासियों को नौकरी नहीं देनी चाहिए; हमें मुसलमानों सहित अपने लोगों को नौकरी देनी चाहिए।
MOhan Bhagwat

हर परिवार में होने चाहिए 3 बच्चे, बोले RSS प्रमुख भागवत (ANI)

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने जनसांख्यिकीय असंतुलन के पीछे धर्मांतरण और अवैध प्रवास को प्रमुख कारण बताया और कहा कि सरकार अवैध प्रवास को रोकने का प्रयास कर रही है, लेकिन समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। आरएसएस के सौ साल होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में भागवत ने कहा कि धर्म व्यक्तिगत पसंद का विषय है और इसमें किसी प्रकार का प्रलोभन या जोर-जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए।

धर्मांतरण और अवैध प्रवास जनसांख्यिकीय असंतुलन के प्रमुख कारण

उन्होंने कहा, धर्मांतरण और अवैध प्रवास जनसांख्यिकीय असंतुलन के प्रमुख कारण हैं। हमें अवैध प्रवासियों को नौकरी नहीं देनी चाहिए; हमें मुसलमानों सहित अपने लोगों को नौकरी देनी चाहिए। आरएसएस सरसंघचालक से अवैध घुसपैठ पर संघ के विचार पूछे गए। उन्होंने कहा, सरकार अवैध घुसपैठ पर नियंत्रण की कोशिश कर रही है, लेकिन समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। धर्म व्यक्तिगत पसंद का विषय है; इसमें किसी तरह का प्रलोभन या जोर-जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए।

एक परिवार में तीन बच्चे होने चाहिए

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत की जनसंख्या नीति 2.1 बच्चों की है, यानी एक परिवार में तीन बच्चे। हर नागरिक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके परिवार में तीन बच्चे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन से बहुत ज्यादा आगे नहीं बढ़ना चाहिए। जन्मदर कम होने की अगर बात है तो वह सबका कम हो रहा है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

अमित कुमार मंडल author

पत्रकारिता के सफर की शुरुआत 2005 में नोएडा स्थित अमर उजाला अखबार से हुई जहां मैं खबरों की दुनिया से रूबरू हुआ। यहां मिले अनुभव और जानकारियों ने खबरों ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited