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Exclusive: देश भर में SIR लागू कराने को लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग का मंथन शुरू, जानिए हर बड़ा अपडेट

दिल्ली के द्वारका स्थित IIIDEM में आज से चुनाव आयोग की अखिल भारतीय कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है, जिसमें देशभर के 36 राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारी और केंद्रीय चुनाव आयुक्त शामिल हो रहे हैं। इस बैठक में बिहार के बाद पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) लागू करने की रणनीति पर मंथन होगा। आयोग की पॉलिसी, राज्यों की तैयारियां, चुनौतियां और मान्य दस्तावेजों की सूची पर विस्तार से चर्चा होगी। सवाल-जवाब और अंतिम टिप्पणियों के साथ यह दिनभर चलने वाला सत्र संपन्न होगा।
Exclusive: देश भर में SIR लागू कराने को लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग का मंथन शुरू, जानिए हर बड़ा अपडेट

Election Commission on Special Intensive Revision: देश भर में एक साथ स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कराने को लेकर राजधानी दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग की अखिल भारतीय कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। इस बैठक में देश के सभी 36 राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारी और केंद्रीय चुनाव आयुक्त, दोनों चुनाव आयुक्त के साथी कई अन्य बड़े अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं। आज दिन भर चलने वाले इस मंथन में बिहार के बाद पूरे देश में SIR कैसे हो इसको लेकर विस्तृत चर्चा होगी। माना जा रहा है कि बिहार चुनाव खत्म होने से पहले ही केंद्रीय चुनाव आयोग देश के बाकी सभी राज्यों में एक साथ फिर करने का आदेश जारी कर सकता है।

SIR पॉलिसी को लेकर रखी जाएंगी बातें

बैठक की शुरुआत देश के मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त के भाषण से होगी। इसके बाद डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर संजय कुमार स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर चुनाव आयोग की पॉलिसी पर प्रेजेंटेशन देंगे। इसके बाद बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी राज्य में SIR की प्रगति रिपोर्ट को लेकर जानकारी साझा करेंगे। इन दोनों ही प्रेजेंटेशन के लिए आधे-आधे घंटे का समय रखा गया है।

35 राज्यों में तैयारियों का खाका पेश होगा

दिल्ली के द्वारका में स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) में हो रही इस बैठक में 3:30 घंटे तक 35 राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारी SIR की तैयारी को लेकर बारी-बारी से पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन देंगे। इस प्रेजेंटेशन का मकसद अलग-अलग राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण करने में आने वाली चुनौतियां, भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों, दस्तावेजी सबूत, सुरक्षा तैयारियों को सामने रखना है। इस बैठक के आधार पर राज्यवार मान्य दस्तावेजों की सूची बिहार के मौजूदा 11 वैलिड डॉक्युमेंट से ज्यादा भी हो सकती है।

हालांकि बिहार में हो रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण से पहले आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड तीनों को ही बाहर रखा गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में लिए जाने का आदेश दिया गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह साफ है कि मतदाताओं की नागरिकता तय करने के लिए आधार कार्ड मान्य दस्तावेज नहीं माना जाएगा। आधार कार्ड की असलियत पता लगाने के लिए चुनाव अधिकारी दूसरे दस्तावेज भी मांग सकते हैं। इससे यह भी साफ है कि सिर्फ आधार कार्ड के सहारे ही कोई भी व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल नहीं हो सकता है।

बैठक में सवाल-जवाब का भी होगा दौर

ऐसा नहीं है कि यह बैठक सिर्फ एक तरफा संवाद वाली हो। करीब 45 मिनट सवाल जवाब के लिए भी रखे गए हैं। इसके बाद करीब 10-10 मिनट दोनों चुनाव आयुक्त और फिर 20 मिनट के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अंतिम टिप्पणी के साथ एक कार्यक्रम खत्म हो जाएगा।

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गौरव श्रीवास्तव author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

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