पूर्व VP जगदीप धनखड़ 40 दिन बाद सक्रिय, विधानसभा में फिर किया पेंशन आवेदन; जानें कुल कितनी मिलेगी पेंशन

तीन पदों की जोड़कर मिलेगी पेंशन (फाइल फोटो | PTI)
Jagdeep Dhankar Pension: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर राजस्थान विधानसभा सचिवालय में पूर्व विधायक पेंशन बहाल करने के लिए आवेदन किया है। वे 1993 से 1998 तक किशनगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक रहे थे। विधायक का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें जुलाई 2019 तक नियमित रूप से पेंशन मिलती रही। लेकिन जब वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नियुक्त हुए, तब नियमों के अनुसार यह पेंशन बंद कर दी गई थी। अब उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद उन्होंने फिर से पेंशन बहाल कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन पर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है।
तीन स्त्रोतों से मिलेगी पेंशन
धनखड़ को अब तीन अलग-अलग सरकारी पदों से पेंशन का लाभ मिलेगा। उपराष्ट्रपति पद से सेवा निवृत्त होने पर उन्हें करीब 2 लाख रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी। इसके अतिरिक्त, पूर्व सांसद के तौर पर उन्हें लगभग 31 हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे। साथ ही, एक बार विधायक रहने के नाते और 70 साल से ऊपर की उम्र होने पर, उन्हें 42 हजार रुपये प्रति माह विधायक पेंशन भी दी जाएगी। इस तरह कुल मिलाकर उन्हें हर महीने लगभग 2.73 लाख रुपये की पेंशन मिलेगी। यह भी स्पष्ट है कि पूर्व राज्यपाल को किसी प्रकार की पेंशन नहीं मिलती, इसलिए इस पद से उन्हें कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा।
कैसे बहाल होगी विधायक पेंशन
राजस्थान विधानसभा के नियमों के अनुसार, यदि कोई पूर्व विधायक किसी सरकारी पद पर नियुक्त हो जाता है, तो उसकी पेंशन स्वतः बंद हो जाती है। जैसे ही वह पद छोड़ता है, उसे पेंशन फिर से शुरू करवाने के लिए दोबारा आवेदन करना होता है। इसी प्रक्रिया के तहत धनखड़ ने भी आवेदन किया है। विधानसभा सचिवालय पेंशन उसी तारीख से बहाल करेगा, जिस दिन उनका उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा स्वीकार किया गया है।
ऐसे रहेगा पेंशन का हिसाबविधानसभा सचिवालय के मुताबिक, एक बार विधायक बनने पर 35 हजार रुपये मासिक पेंशन मिलती है। दो बार विधायक रहने पर यह 42 हजार और तीन बार रहने पर 50 हजार हो जाती है। यदि किसी की उम्र 70 साल से अधिक है, तो उसे पेंशन में 20% की अतिरिक्त वृद्धि दी जाती है। धनखड़ की उम्र 75 वर्ष है और वे एक बार विधायक रहे हैं, इसलिए उन्हें 42 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
इस्तीफे के बाद से सार्वजनिक जीवन से दूर
धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से वे सार्वजनिक जीवन से लगभग पूरी तरह गायब हैं। करीब 40 दिनों से वे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम या बयानबाजी में सक्रिय नहीं रहे हैं। उनके परिवार का कहना है कि वे इन दिनों आराम कर रहे हैं, लेकिन उनके स्वास्थ्य को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं भी चल रही हैं।
दिल्ली में मिलेगा नया आवास
सरकारी नियमों के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद धनखड़ को दिल्ली में टाइप-8 कैटेगरी का सरकारी बंगला आवंटित किया गया है। यह बंगला फिलहाल एक केंद्रीय मंत्री के पास है। उनके स्थानांतरित होते ही मरम्मत और अन्य जरूरी तैयारियों के बाद धनखड़ उसमें शिफ्ट होंगे। तब तक के लिए उनके लिए अस्थायी आवास की तलाश की जा रही है। यदि जरूरी हुआ तो सरकार 2000 वर्ग गज तक का निजी मकान किराये पर लेकर उन्हें दे सकती है।
नए उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर को
धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था, लेकिन उनके इस्तीफे के चलते अब यह पद रिक्त हो गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, नया उपराष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा। संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी और उसी दिन शाम 6 बजे के बाद नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। इस चुनाव में एनडीए की ओर से महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन उम्मीदवार हैं, जबकि इंडिया गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को प्रत्याशी बनाया है।
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पत्रकारिता में पिछले सात साल से सक्रिय हैं, वर्तमान में टाइम्स नाउ में राजस्थान ब्यूरो हेड हैं। इससे पहले, ज़ी मीडिया और न्यूज़18 नेटवर्क के राजस्थान ...और देखें

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