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अमेरिकी टैरिफ टकराव के बीच भारत का बड़ा कदम: $3.4 अरब में 87 स्वदेशी UAVs को मंजूरी

भारत की $3.4 अरब की UAV डील महज़ एक रक्षा खरीद नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक संदेश है — कि भारत अब अपने रणनीतिक संसाधनों और निर्णयों पर अधिक आत्मनिर्भर बनना चाहता है। वैश्विक दबावों और जियोपॉलिटिक्स के बीच यह एक सधा हुआ और दूरदर्शी कदम है, जो आने वाले वर्षों में भारत की रक्षा शक्ति, तकनीकी क्षमता और वैश्विक भूमिका को नई ऊंचाई देगा।

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अमेरिकी टैरिफ और अटकी रक्षा वार्ताओं के बीच भारत ने 87 ट्राई-सर्विस MALE UAVs के लिए $3.4 अरब की योजना को मंजूरी दी है, जिसमें 60% स्वदेशी सामग्री होगी। मई के चार दिवसीय संघर्ष से मिली सीख ने इस आत्मनिर्भरता प्रयास को गति दी है। अमेरिका की नाराजगी और रूस से रक्षा व तेल आयात जारी रखने पर लगे भारी टैरिफ के कारण $9-10 अरब के रक्षा सौदे फिलहाल ठप हैं।

3.4 अरब में 87 स्वदेशी UAVs को मंजूरी (फोटो- Meta AI)

भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता रणनीति

भारत ने ऐसे समय में 3.4 अरब डॉलर की ट्राई-सर्विस MALE (Medium Altitude Long Endurance) UAVs की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है, जब अमेरिका के साथ कई रक्षा वार्ताएं अटकी हुई हैं, और टैरिफ व रणनीतिक दबाव के कारण द्विपक्षीय संबंधों में खटास देखी जा रही है। इस निर्णय को भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता रणनीति का बड़ा संकेत माना जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हालिया अमेरिका यात्रा स्थगित की, जिसमें Boeing P-8I खरीद और Stryker व Javelin मिसाइल्स के को-प्रोडक्शन पर चर्चा होनी थी।

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