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इंजीनियर राशिद उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डाल सकेंगे या नहीं? अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला

Vice Presidential Election: दिल्ली की पटियाल हाउस कोर्ट ने इंजीनियर राशिद को 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट देने की अनुमति दे दी है। इंजीनियर राशिद उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पुलिस हिरासत में संसद जाकर वोट देंगे। साथ ही कोर्ट ने कहा कि उन्हें वोट डालने के लिए संसद जाने का खर्च खुद वहन करना होगा।
Engineer Rashid

बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद (फोटो साभार: ANI)

Vice Presidential Election: दिल्ली की पटियाल हाउस कोर्ट ने इंजीनियर राशिद को 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट देने की अनुमति दे दी है। इंजीनियर राशिद उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पुलिस हिरासत में संसद जाकर वोट देंगे।

खर्च खुद वहन करेंगे राशिद

पटियाल हाउस कोर्ट ने इंजीनियर राशिद को यह कहते हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने की इजाजत दी कि उन्हें वोट डालने के लिए संसद जाने का खर्च खुद वहन करना होगा, जिसके लिए उन्हें एक हलफनामा देना होगा। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि उनका यह खर्च उन्हें तत्काल नहीं देना है। उनको यह खर्च दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले के बाद देना होगा, जिसमें उन्होंने यात्रा के खर्चे को लेकर अर्जी दाखिल की है और हाई कोर्ट ने उसे पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।

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मानसून सत्र में ले चुके हैं हिस्सा

इससे पहले, अदालत ने इंजीनियर राशिद को संसद के मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिए 24 जुलाई से चार अगस्त तक हिरासत पैरोल दी थी। 58 वर्षीय राशिद को 2017 के आतंकी वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने गिरफ्तार किया था। वह 2019 से दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। राशिद ने 2024 लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को बारामूला से हराया था। उन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादी समूहों का वित्तपोषण का आरोप है।

अवामी इत्तिहाद पार्टी ने फैसले का स्वागत किया

अवामी इत्तिहाद पार्टी (AIP) ने अदालत के इस आदेश का स्वागत किया है। एआईपी के मुख्य प्रवक्ता इनाम उन नबी ने कहा कि यह फैसला न केवल कानूनी जीत है बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों की भी पुष्टि है। उन्होंने कहा, “यह आदेश उत्तर कश्मीर की जनता की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को भी मजबूत करता है। जनता ने इंजीनियर राशिद को संसद भेजा है और अब वह अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे। यह लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता के भरोसे का प्रतीक है।”

इनाम उन नबी ने आगे कहा कि कश्मीर की जनता ने हमेशा कठिन परिस्थितियों में भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में आस्था दिखाई है। उन्होंने कहा कि जेल में रहते हुए भी इंजीनियर राशिद का उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग लेना इसी विश्वास का प्रमाण है।

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गौरव श्रीवास्तव author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

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