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सुप्रीम कोर्ट ने कहा: आजीवन कारावास पाने वाले दोषियों को भी माफी का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धारा 376DA और 376DB जैसे मामलों में भी आजीवन कारावास पाए दोषियों को रिमिशन मांगने का अधिकार है। अदालत ने सजा के प्रावधान की वैधता पर फैसला देने से इनकार करते हुए सवाल को भविष्य के लिए खुला छोड़ा।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा मिलने के बावजूद उसका रिमिशन (सजा में छूट) पाने का अधिकार खत्म नहीं होता है। अदालत ने साफ किया कि यह अधिकार न केवल कानूनी है बल्कि संवैधानिक भी है।

Supreme Court of India on remission rights of prisoner who got life imprisonment

किस मामले में SC ने की ये टिप्पणी?

यह टिप्पणी उस याचिका पर आई जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376DA की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी। इस धारा के तहत 16 साल से कम उम्र की लड़की से सामूहिक दुष्कर्म करने पर दोषियों को शेष जीवनभर के लिए कारावास की सजा का प्रावधान है।

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