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वफादार तो है ही, पर इंसानों का चेहरा कैसे पढ़ लेता है कुत्ता? शोधकर्ताओं ने उठाया रहस्य से पर्दा

मनुष्य और कुत्ते के हजारों वर्षों के साथ का यह नतीजा है कि वे हमारी आवाज, चेहरे के भावों, यहां तक हमारे मस्तिष्क की रासायनिक गतिविधियों के साथ सामंजस्य कायम कर लेते हैं।

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लंदन: कुत्ते एक शानदार साथी होते हैं क्योंकि आपने गौर किया होगा कि जब आप रो रहे होते हैं तो वे अपने सिर को थोड़ा झुका कर आपको सांत्वना दे रहे होते हैं... जब आप तनाव में होते हैं तो वे दबे पांव आपके समीप आ जाते हैं और जब आप बहुत परेशानी में होते हैं तो वे आपका कभी साथ नहीं छोड़ते।मनुष्य और कुत्ते के हजारों वर्षों के साथ का यह नतीजा है कि वे हमारी आवाज, चेहरे के भावों, यहां तक हमारे मस्तिष्क की रासायनिक गतिविधियों के साथ सामंजस्य कायम कर लेते हैं।

क्या कुत्ता पढ़ लेता है आपका दिमाग !

जब आपके कुत्ते के साथ आपकी आंख मिलती है तो उसे यह भांपने में चंद सेकेंड भी नहीं लगते है कि आपके भीतर कौन सी भावनाएं उत्पन्न हो रही हैं। यदि आप अपने कुत्ते को देखकर खुश होते हैं तो इस खुशी के कारण भी आपके मस्तिष्क में प्रेम करने वाले हार्मोन अर्थात ऑक्सीटोसिन का स्राव होने लगता है।इस असाधारण मनोवैज्ञानिक बुद्धिमत्ता का आगाज मस्तिष्क से ही होता है। कुत्ते के दिमाग में चंद ऐसे क्षेत्र होते हैं जो मानव की तरह आवाजों को लेकर संवेदनशील होते हैं। ब्रेन इमेजिंग के आधार पर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि मुंह से निकलने वाली ध्वनियों के कारण कुत्तों के कनपटी के समीप वृक्क के बाहरी भाग (जिसे आम भाषा में छोटा दिमाग कहते हैं) ध्वनियों का संश्लेषण क्षेत्र होता है।

कुत्ते लोगों का चेहरा पढ़ने में भी माहिर होते हैं

रोचक बात है कि कुत्ते किसी भी ध्वनि पर ही प्रतिक्रिया नहीं करते वे भावनात्मक रूप से प्रेरित ध्वनियों को लेकर भी संवेदनशील होते हैं, जैसे हंसी, रोना, क्रोध की भावनाओं से जुड़ी आवाजें। इन ध्वनियों से कुत्तों के ऑडिटरी र्कार्टेक्स (आवाज संबंधी वृक्क का बाहरी भाग) तथा प्रमस्तिष्क खंड सक्रिय हो जाता है। दिमाग का यह भाग भावनाओं का संश्लेषण करता है।कुत्ते लोगों का चेहरा पढ़ने में भी माहिर होते हैं। जब कुत्तों को मानव के चेहरों की तस्वीर दिखायी गयी तो उनकी मस्तिष्क गतिविधियां बढ़ी हुई पायी गयीं। एक अध्ययन में पाया गया कि परिचित मनुष्य के चेहरे को देखकर कुत्ते के खुशी एवं भावनात्मक प्रक्रियाओं को पैदा करने वाले मस्तिष्क के हिस्से सक्रिय हो गये। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि आपके कुत्ते का दिमाग आपकी भावनाओं और अभिव्यक्तियों को शब्दों में नहीं भावनाओं के आधार पर संश्लेषित करता है।

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