नॉलेज

उत्तराखंड में उच्च हिमालयी झीलों के विस्तार से एक नया खतरा!

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों पर एक गंभीर संकट की छाया मंडरा रही है। पिथौरागढ़ जिले की अर्णव झील का आकार पिछले दशक में 30 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुका है, जबकि गंगोत्री की केदारताल और चमोली की वसुधारा झील भी तेजी से फैल रही हैं।

FollowGoogleNewsIcon

देहरादून: जलवायु परिवर्तन के दौर में उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों पर एक गंभीर संकट की छाया मंडरा रही है। पिथौरागढ़ जिले की अर्णव झील का आकार पिछले दशक में 30 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुका है, जबकि गंगोत्री की केदारताल और चमोली की वसुधारा झील भी तेजी से फैल रही हैं।

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों पर एक गंभीर संकट की छाया मंडरा रही है (PHOTO-AI)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ऑफ इंडिया (जीएसआई) के उपग्रह चित्रों से 2014 से 2023 तक इन झीलों के विस्तार का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ये झीलें किसी भी समय फट सकती हैं, जिससे 2013 की केदारनाथ जैसी विनाशकारी बाढ़ दोहराई जा सकती है।

यह विस्तृत रिपोर्ट विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों, सरकारी रिपोर्टों और विशेषज्ञ विश्लेषण पर आधारित है, जो बताती है कि कैसे ग्लेशियरों के पिघलने से बनी ये झीलें अब एक टाइम बम बन चुकी हैं। राज्य सरकार से तत्काल निगरानी और बचाव उपायों की अपील की जा रही है।

End Of Feed