दिल्ली की सड़कों पर फिर दौड़ती दिख सकती हैं डबल डेकर बसें, इस बार अवतार रहेगा इलेक्ट्रिक; पायलट प्रोजेक्ट तैयार
अगर आप 80 के दशक में दिल्ली की सड़कों पर सफर कर चुके हैं, तो आपको डबल डेकर बसें जरूर याद होंगी। आज के मेट्रो की तरह ये दो मंजिला बसें राजधानी में सफर की पहचान हुआ करती थीं।अब एक बार फिर वही दृश्य लौट सकता है लेकिन इस बार न शोर होगा, न धुआं। क्योंकि अबकी डबल डेकर बसें जो आईं तो इलेक्ट्रिक रूप में आएंगी।

दिल्ली में डबल डेकर बसें
कभी दिल्ली की सड़कों पर चलती डबल डेकर बसें राजधानी की पहचान हुआ करती थीं। लेकिन 1989 में जब डीजल से सीएनजी पर शिफ्टिंग हुई और पुरानी बसें सेवा से बाहर कर दी गईं, तब ये ऐतिहासिक बसें भी दिल्ली की सड़कों से गायब हो गईं। अब तीन दशक बाद एक बार फिर दिल्ली परिवहन निगम (DTC) इन्हें इलेक्ट्रिक अवतार में दोबारा लाने की तैयारी में जुटा दिख रहा है।

ट्रायल रन की तैयारी
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक,दिल्ली परिवहन निगम (DTC) राजधानी में इन बसों को चलाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार एक इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस पहले ही ओखला डिपो में खड़ी है और इसे चुनिंदा रूट्स पर ट्रायल रन के लिए भेजा जा सकता है। (चित्र साभार: @HardeepSPuri)

रूट मैप पर चल रहा काम
HT की खबर के मुताबिक परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि "अभी हमारे पास एक बस है और दो और मिलने की उम्मीद है। अधिकारी यह देखने के लिए रूट मैप पर काम कर रहे हैं कि क्या दिल्ली में इन बसों को चलाना संभव है। बस की ऊंचाई और वजन को लेकर चिंताएं हैं और दिल्ली के ट्रैफिक में इन्हें चलाना कितना आसान या कठिन होगा, इसका मूल्यांकन किया जा रहा है।" ओखला डिपो में खड़ी यह बस अशोक लेलैंड द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत दी गई है।

बस की खूबियां और क्षमता
नई इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस 4.75 मीटर ऊंची और 9.8 मीटर लंबी है। इसमें 63 से अधिक यात्रियों के बैठने की क्षमता है, जो मौजूदा 9 मीटर लंबी DEVI बसों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। इस बस के ऊपरी और निचले दोनों डेक्स पर यात्री बैठ सकते हैं, जिससे अधिक लोगों को एक साथ परिवहन की सुविधा मिलेगी।

चुनौतियों से भरी रूट प्लानिंग
बस की ऊंचाई और इसे एक ओर तो प्रभावशाली बनाती है, तो वहीं इसके संचालन में कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां भी खड़ी करती है। दिल्ली जैसे भीड़भाड़ वाले शहर में कम ऊंचाई वाले पेड़, ओवरहेड वायर और फ्लाईओवर जैसे ढांचे इन बसों के लिए बाधा बन सकते हैं। इसीलिए DTC की टीम फिलहाल उन रूट्स का चुनाव कर रही है जहां ये बाधाएं कम हों। पेड़ों की टहनियों और ओवरब्रिज की ऊंचाई की भी माप की जा रही है।

बैटरी और रेंज की होगी जांच
इन बसों का वजन सामान्य बसों से कहीं अधिक है, इसलिए पहले इन्हें छोटे रूट्स पर चलाकर बैटरी की रेंज और परफॉर्मेंस की जांच की जाएगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि देश में अभी इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसों का अनुभव सीमित है, इसलिए हर कदम सोच-समझकर उठाया जाएगा।

पहले भी हुई थीं कोशिशें
डबल डेकर बसों को फिर से शुरू करने के प्रयास इससे पहले भी हो चुके हैं। 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स और 2022 के G20 सम्मेलन से पहले दिल्ली सरकार ने ऐसी योजनाएं बनाई थीं, लेकिन ये प्रयास सफल नहीं हो पाए। 2022 में CESL (Convergence Energy Services Limited) ने दिल्ली के लिए 1,500 इलेक्ट्रिक बसों की योजना बनाई थी, जिनमें 100 डबल डेकर बसें भी शामिल थीं। लेकिन उस योजना को Feasibility रिपोर्ट के बाद रोक दिया गया।

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