Vastu Tips for Tulsi Plant: तुलसी को जल चढ़ाते समय रखें इन खास बातों का ध्यान, जानिए इसका वास्तु विधान

Vastu Tips for Tulsi Plant: हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा अत्यंत ही पवित्र माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है तथा ये भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होता है। इसकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। लेकिन तुलसी के पौधे से जुड़े कुछ वास्तु नियम हैं जिनका पालन करना जरूरी माना जाता है। चलिए जानते हैं इनके बारे में।

तुलसी का पौधा
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तुलसी का पौधा

तुलसी का पौधा आध्यात्मिक, धार्मिक और औषधीय मूल्यों से परिपूर्ण माना जाता है। कहते हैं जिस आंगन में तुलसी का पौधा होता है वहां स्वयं देवी-देवताओं का वास होता है। वैसे तो तुलसी पूजन से जुड़े कई नियम बताए गए हैं, ज‍िनके अनुसार घर में तुलसी को व्यवस्थित किया जाए तो बहुत से लाभ मिल सकते हैं।

जल चढ़ाने का महत्व
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जल चढ़ाने का महत्व

मान्‍यताओं के अनुसार तुलसी को जल चढ़ाने से न केवल दैवी कृपा प्राप्त होती है, बल्कि पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है। इससे घर-संसार की नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो सकती हैं। वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी को नियमित जल अर्पित करने से मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में सकारात्मकता का संचार बढ़ सकता है।

जल चढ़ाने की सही दिशा
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जल चढ़ाने की सही दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी को जल चढ़ाते समय व्यक्ति का मुख हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए। इन दिशाओं को सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है, जहां से देवी-देवता अपनी कृपा बरसाते हैं। पूर्व दिशा से ही सूर्योदय होता है जिस नाते इस दिशा को प्रकाश, ऊर्जा और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।

पूर्व दिशा में जल चढ़ाने के लाभ
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पूर्व दिशा में जल चढ़ाने के लाभ

तुलसी के पौधे को पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके जल चढ़ाने से सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। सूर्य देव को ज्ञान, प्राण-ऊर्जा और शक्ति का स्रोत माना जाता है। पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाने से भगवान सूर्यनारायण का आशीर्वाद मिलता है। पूर्व दिशा को बुद्धि और उन्नति की दिशा भी माना जाता है। इससे व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती है।

जल चढ़ाने का उचित समय
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जल चढ़ाने का उचित समय

तुलसी को जल अर्पित करने का सबसे शुभ समय प्रातःकाल होता है। सूर्योदय के बाद तुलसी में जल देना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार शाम के समय तुलसी को जल अर्पित करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये समय तुलसी माता के विश्राम का होता है। इस दौरान तुलसी को स्पर्श भी नहीं करना चाह‍िए।

पत्ते तोड़ने से बचें
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पत्ते तोड़ने से बचें

तुलसी के पत्ते रविवार और एकादशी को नहीं तोड़ने चाहिए और इन दिनों में तुलसी में जल चढ़ाने से भी बचना चाहिए। अन्‍य दिनों में भी, पत्तियां तोड़ने से पहले तुलसी माता से क्षमा मांगनी चाह‍िए। तुसली की सूखी पत्तियों को फेंकने की जगह पवित्र जल में प्रवाहित करना चाहिए।

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