अध्यात्म

देखो! खूनी लाल हो गया चांद, जानें 2025 का ब्लड मून, शुभ है या अशुभ?

चंद्र ग्रहण लग रहा है। इस दौरान चंद्रमा लाल नजर आएगा, इसे ही ब्लड मून कहते हैं। यह घटना कुंभ राशि में शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में होगी। यहां से आप जानें कि इस साल का ये ब्लड मून शुभ है या अशुभ संकेत लेकर आया है।
2025 का ब्लड मून शुभ है या अशुभ? (pic credit: canva)

2025 का ब्लड मून शुभ है या अशुभ? (pic credit: canva)

हिंदू धर्म में ग्रहण काल को अशुद्ध और दोषपूर्ण समय माना जाता है। ये समय राहु-केतु की छाया का प्रभाव माना जाता है। सूतक काल में मंदिर बंद रहते हैं। इसे अंधकार और विकारों का समय कहा गया है। जब पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा गहरे लाल या तांबई रंग का दिखाई देता है, तो उसे ब्लड मून कहा जाता है। यह रंग पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरती सूर्य की किरणों के अपवर्तन के कारण दिखाई देता है। 7 सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण ब्लड मून का रूप ले रहा है, जब पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा लालिमा लिए दिखाई देगा। शुभ या अशुभ ग्रहण का असर आपकी कुंडली, चंद्र राशि और ग्रह स्थिति पर निर्भर करता है। किसी के लिए यह नया अध्याय खोल सकता है, और किसी के लिए संघर्ष का समय बन सकता है। यहां से इसके बारे में विस्तार से समझें-

साल 2025 ब्लड मून के संकेत?

लाल चंद्रमा परिवर्तन, शक्ति और संघर्ष का संकेत माना जाता है। राहु और गुरु के प्रभाव वाले नक्षत्रों में होने से यह मानसिक तनाव, भावनात्मक अस्थिरता और सामाजिक उथल-पुथल ला सकता है। उच्च पदस्थ नेता, अधिकारी और बड़े व्यवसायी के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है। आम लोगों के लिए भी यह समय सतर्कता का है। कार्यस्थल पर वरिष्ठों से विवाद, रिश्तों में गलतफहमी और योजनाओं में बाधा संभव है।

ये हैं अशुभ संकेत-

  • भ्रम, अनिर्णय
  • नींद में कमी
  • चिंता बढ़ना
  • पुराने रिश्तों में उथल-पुथल
  • मानसिक और भावनात्मक अस्थिरता

ब्लड मून का राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ता है?

ब्लड मून का प्रभाव राशियों पर अलग-अलग होता है। कुछ राशियों जैसे मेष, तुला, वृश्चिक के लिए यह तनाव और भ्रम का समय हो सकता है। वहीं, मकर, कर्क, कुंभ जैसे राशि जातकों के लिए आत्मनिरीक्षण और परिवर्तन का अवसर हो सकता है। ग्रहण काल में चंद्रमा का बल क्षीण होता है, जिससे मानसिक असंतुलन, भावनात्मक उथल-पुथल, और नींद में व्यवधान देखने को मिल सकते हैं।

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें?

बता दें कि साल 2025 वाले चंद्र ग्रहण का असर लगभग 90 दिन तक रहेगा। ये समय आत्मचिंतन, संयम और साधना का है। ग्रहण के दौरान और बाद में मंत्रजप, ध्यान और दान-पुण्य से नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है।

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Srishti author

सृष्टि टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़ी हैं। सृष्टि बिहार के सिवान शहर से ताल्लुक रखती हैं। साहित्य, संगीत और फिल्मों में इनकी गहरी रूच...और देखें

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