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अध्यात्म

एकादशी (ग्यारस) के भजन लिखे हुए, एकादशी के भजन कीर्तन लिखित में, एकादशी भजन लिरिक्स इन हिंदी, एकादशी भजन लेडीज कीर्तन ढोलक वाले

एकादशी के भजन कीर्तन लिखित में, ग्यारस के भजन, एकादशी भजन लेडीज कीर्तन ढोलक वाले (Ekadashi Bhajan lyrics in Hindi): एकादशी व्रत का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व माना गया है। ये भजन आध्यात्मिक शांति प्रदान करने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा भी फैलाते हैं। इनको लेडीज कीर्तन में ढोलक पर भी गा सकते हैं। देखें एकादशी के भजन लिखे हुए, एकादशी भजन लेडीज कीर्तन ढोलक वाले, Ekadashi Bhajan Kirtan Lyrics Likhe huye, Ekadashi Bhajan Lyrics, Gyaras ke Bhajan Likhit।

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एकादशी के भजन कीर्तन लिखित में, एकादशी भजन लेडीज कीर्तन ढोलक वाले (Ekadashi Bhajan lyrics in Hindi): एकादशी व्रत श्री हरि की कृपा के लिए रखा जाता है। इस पावन दिन भक्तजन उपवास रखकर भगवान विष्णु की पूजा और भजन-कीर्तन करते हैं। खासकर महिलाएं (लेडीज कीर्तन मंडली) ढोलक और मंजीरे की थाप पर सुंदर भजन गाती हैं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो जाता है। एकादशी के दिन गाए जाने वाले भजन न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा भी फैलाते हैं। इस लेख में हम आपके लिए एकादशी भजन कीर्तन के लिखित बोल (Lyrics), लेडीज कीर्तन के भजन, और ढोलक वाले एकादशी गीत लेकर आए हैं। देखें एकादशी के भजन लिखे हुए, एकादशी भजन लेडीज कीर्तन ढोलक वाले, Ekadashi Bhajan Kirtan Lyrics Likhe huye, Ekadashi Bhajan Lyrics।

Ekadashi ke Bhajan Likhit एकादशी के भजन लिखे हुए

एकादशी भजन लिरिक्स इन हिंदी (Pic: AI Image)

एकादशी के भजन लिखे हुए कीर्तन, ढोलक वाले

व्रत बड़ो है एकादशी को भजन लिरिक्स

व्रत बड़ो है एकादशी को,

हरी के नाम बिना मुक्ति नहीं,

व्रत बड़ो है एकादशी को....

जल में नाहवे जल में धोवे, जल में कुल्ला जो करतो,

या करनी से बन्यो रे मींडको टरड टरड करतो फिरतो,

व्रत बड़ो है एकादशी को......

नदी किनारे मुंडो धोवे पर नारी चित जो धरतो,

या करनी से बन्यो रे गधेड़ो बोझा ढोतो वो फिरतो,

व्रत बड़ो है एकादशी को......

उठ सवेरे चुगली करती सात घरा में जो फिरती,

या करनी से बनी रे कुकरी घर घर टुकड़ा वा खाती,

व्रत बड़ो है एकादशी को......

छुप छुप जो बाता सुनती ऐसी नर को कई करसी,

या करनी से बन्यो रे छिपकली भीत दीवार पर वा चिपकी,

व्रत बड़ो है एकादशी को......

कोड़ी कोड़ी माया जोड़ी जोड़ जमीन में जो धरतो,

या करनी से बन्यो रे सपोला पेट रगड़ के वो चलतो,

व्रत बड़ो है एकादशी को......

ग्यारस के दिन माथो धोतो बाल सवारती जो फिरती,

या करनी से बनी रे भूतनी बड़ पीपल में वा रहती,

व्रत बड़ो है एकादशी को......

कहत कबीर सुनो भाई साधो जाकी करणी वो भरतो,

चौकी करनी कर महारा मनवा फेर जनम तू कब पावे,

व्रत बड़ो है एकादशी को......

आई एकादशी व्रत एकादशी श्री हरी को प्यारी एकादशी भजन लिरिक्स

आई एकादशी व्रत एकादशी

श्री हरि को प्यारी एकादशी

कर लो भक्तों व्रत एकादशी

जिसके घर में तुलसी का पौधा,

सींचन को आयें गिरधारी

आई एकादशी व्रत एकादशी...

जिनके घर में गंगा जमुना,

नहावन को आयें गिरधारी

आई एकादशी व्रत एकादशी...

जिनके घर में ठाकुर की पूजा,

ज्योति को जलाने आयें गिरधारी

आई एकादशी व्रत एकादशी...

जिनके घर में गाय माता है,

देखो दूध दुहने आयें गिरधारी

आई एकादशी व्रत एकादशी...

जिनके घर में कुवांरी कन्या,

देखो ब्याह रचाने आयें गिरधारी

आई एकादशी व्रत एकादशी...

जिनके घर में सीता रसोई,

देखो भोग लगाने आयें गिरधारी

आई एकादशी व्रत एकादशी...

तेरी नैया हो जाए पार व्रत एकादशी करना भजन लिरिक्स

सदा संतोष ज्ञान सब हृदय में रखना,

रे मानव हृदय में रखना,

ग्यारस के दिन उठकर सवेरे गंगा तट जाना,

रे मानव दातुन ना करना,

तेरी नैया हो जाए पार व्रत एकादशी करना.....

नहाए धोए आसन पर बैठे राम नाम जपना,

रे मानव राम नाम जपना,

ग्यारस के दिन उठकर सवेरे मंदिर में जाना,

रे मानव परिकम्मा करना,

तेरी नैया हो जाए पार व्रत एकादशी करना.....

तुलसी से चरणामृत लेना हरिदर्शन करना,

रे मानव हरि दर्शन करना,

चोरी चुगली ना करना परनिंदा ना करना,

रे मानव हृदय भाव धरना,

तेरी नैया हो जाए पार व्रत एकादशी करना.....

ग्यारस के दिन अन्न खाना निर्मल मन रखना,

रे मानव निर्मल मन रखना,

द्वादशी के दिन करो पालना ब्रह्म भोज करना,

रे मानव शीतल मन रखना,

तेरी नैया हो जाए पार व्रत एकादशी करना.....

ग्यारस के दिन झूठ ना बोलो पापों से डरना,

काम क्रोध काम क्रोध मद लोभ छोड़कर हरि सुमिरन करना,

रे मानव हरि सत्संग करना,

तेरी नैया हो जाए पार व्रत एकादशी करना.....

मीरा के प्रभु गिरिधर नागर नित दर्शन देना,

भ्व बंधन से मोह छुड़ाकर नैया पार करना,

प्रभु जी संकट हर लेना,

तेरी नैया हो जाए पार व्रत एकादशी करना.....

ग्यारस चांदण की आई भगता मिल ज्योत जगाई लिरिक्स

ग्यारस चांदण की आई,

भगता मिल ज्योत जगाई,

झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

मन में हरियाली छाई,

भगता मिल ज्योत जगाई,

झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे ॥

चम चम चमकातो मुखडो,

काना में कुंडल हो,

काना में कुंडल हो,

हिवड़ो हुलसायो म्हारो,

भला पधारया हो,

भला पधारया,

हीरो भलके माथे में,

अंतर जमके बागे में,

फुल्डा बरसे छे म्हारे आंगणे,

ओ बाबा फुल्डा बरसे छे म्हारे आंगणे,

ग्यारस चांदण की आईं,

भगता मिल ज्योत जगाई,

झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे ॥

गंगाजल झारी थारा,

चरण पखारा हो,

चरण पखारा,

उँचे सिंहासन बैठो,

आरती उतारा हो,

आरती उतारा,

भजन सुनावा थाने,

गाकर रिझावा थाने,

अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे,

ओ बाबा अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे,

ग्यारस चांदण की आईं,

भगता मिल ज्योत जगाई,

झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे ॥

जो थाने भावे बाबा,

भोग लगावा हो,

भोग लगावा,

रूच रूच जिमो प्रभु जी,

परदो लगावा हो,

परदो लगावा,

तारो मुलक़ातो मुखड़ो,

चंदा सू लागे उजलो,

कीर्तन में देखयो थाने आंगणे,

ओ बाबा कीर्तन में देखयो थाने आंगणे,

ग्यारस चांदण की आईं,

भगता मिल ज्योत जगाई,

झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे ॥

बिडलो दबावों मुख में,

अंतर काना में हो,

अंतर काना में,

थारे लीले के पांवा,

बिछिया बाजनीया हो,

बिछिया बाजनीया,

करस्यां पहरावणी थारी,

आशा पूरण म्हारी,

चरण दबास्या म्हारे आंगणे,

ओ बाबा चरण दबास्या म्हारे आंगणे,

ग्यारस चांदण की आईं,

भगता मिल ज्योत जगाई,

झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे ॥

लगन निभाजो प्रभु जी,

प्रेम बढाजो हो,

प्रेम बढाजो,

या म्हारी मिनखा जूणी,

सफल बनाजो हो,

सफल बनाजो,

मोती चरणा को चाकर,

नंदू रिझावे गाकर,

भल भल पधारया म्हारे आंगणे,

ओ बाबा भल भल पधारया म्हारे आंगणे,

ग्यारस चांदण की आईं,

भगता मिल ज्योत जगाई,

झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे ॥

ग्यारस चांदण की आई,

भगता मिल ज्योत जगाई,

झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

मन में हरियाली छाई,

भगता मिल ज्योत जगाई,

झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,

ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे ॥

गर श्याम से मिलना है एक बात समझ लेना,

एक बात समझ लेना,

हारे का साथी है,

सदा हार के तू रहना ॥

मेरी माँ दे लम्बे बाल भजन लिरिक्स

मेरी माँ दे लम्बे बाल,

परांदाँ लम्बा लायो,

परांदाँ लम्बा लायो.....

कोई जम्मू शहर नू जायों,

मेरी माँ नू चुनरी ले आयो,

चुनरी दाँ रंग लाल,

परादाँ लंबा लायो.....

कोई जम्मू शहर नू जायों,

मेरी माँ नू बिंदिया ले आयो,

बिंदिया दाँ रंग लाल,

परादाँ लंबा लायो.....

कोई जम्मू शहर नू जायों,

मेरी माँ नू मेहंदी ले आयो,

मेहंदी दाँ रंग लाल,

परादाँ लंबा लायो......

कोई जम्मू शहर नू जायों,

मेरी माँ नू चुड़ा ले आयो,

चुड़े दा रंग लाल,

परादाँ लंबा लायो.....

कोई जम्मू शहर नू जायों,

मेरी माँ नू साड़ी ले आयो,

साड़ी दाँ रंग लाल,

परादां लंबा लायो.....

ग्यारस के दिन जो जपता राधे राधे नाम है भजन लिरिक्स

ग्यारस के दिन जो जपता, राधे राधे नाम है।

उसको एक दिन दे देते, दर्शन घनश्याम है।

सुन लो राधा प्यारी पीछे, डोलत फिरे बिहारी।

डोलत फिरे बिहारी।

इसीलिए तो करो नौकरी, राधे की सरकारी।

राधे की सरकारी।

सबकी बिगड़ी को बनाना इसका ही काम है।

उसको एक दिन दे देते, दर्शन घनश्याम है।

ग्यारस के दिन जो जपता,राधे राधे नाम है।

उसको एक दिन दे देते, दर्शन घनश्याम है।

सुख में जीवन बीता फिर जब, अंत समय जो आता।

अंत समय जो आता।

खड़ा पास में दिखे सांवरिया, बाह पकड़ ले जाता।

बाह पकड़ ले जाता।

प्यार से ले जाए तुमको अपने वह धाम है।

उसको एक दिन दे देते, दर्शन घनश्याम है।

ग्यारस के दिन जो जपता,राधे राधे नाम है।

उसको एक दिन दे देते, दर्शन घनश्याम है।

मन मंदिर में जपो हमेशा, राधा राधा राधा।

राधा राधा राधा।

कट जाएगी जीवन की तेरी, देखो हर एक बाधा।

देखो हर एक बाधा।

फिर ना आए जीवन में, दुःख की कोई शाम है।

उसको एक दिन दे देते, दर्शन घनश्याम है।

ग्यारस के दिन जो जपता,राधे राधे नाम है।

उसको एक दिन दे देते, दर्शन घनश्याम है।

ग्यारस के दिन तुलसा ना तोड़ो भजन लिरिक्स

ग्यारस के दिन तुलसा ना तोड़ो,

हरि के चरण कभी मत छोड़ो.....

मात पिता और प्रभु हमारे,

यह तीनों हे पालनहारे,

इनकी सेवा कभी ना छोड़ो

प्रभु के चरण कभी मत छोड़ो....

तेरी मेरी निशदिन करता,

दुजे का सुख देखते जलता,

बुरी है आदत इसको छोड़ो

हरि के चरण कभी मत छोड़ो.....

धर्म-कर्म और ज्ञान की बातें,

यह सब जीवन सुखी बनाते,

सतसंगत से नाता जोड़ो

हरि के चरण कभी मत छोड़ो......

जैसी करनी वैसा फल है,

आज नहीं तो निश्चित कल है,

शुभ कर्मों से नाता जोड़ो

हरि के चरण कभी मत छोड़ो.....

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मेधा चावला author

टाइम्स नाउ नवभारत में मेधा चावला सीनियर एसोसिएट एडिटर की पोस्ट पर हैं और पिछले सात साल से इस प्रभावी...और देखें

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