Ganesh Visarjan 2025: घर पर गणेश जी का विसर्जन कैसे करें? जानें कैसे होती है उत्तरण पूजा और विसर्जन के बाद कलश नारियल का क्या करें?

घर पर गणेश जी का विसर्जन कैसे करें? (pic credit: iStock)
Ganesh Visarjan 2025 Vidhi In Hindi, Ganpati Visarjan Kaise Karen: गणपति विसर्जन एक पवित्र और भावनात्मक प्रक्रिया है जिसमें हम भगवान गणेश जी को विदा करते हैं और उनसे निवेदन करते हैं कि वे अगले वर्ष फिर हमारे घर पधारें। गणपति विसर्जन पूरे विधि-विधान, श्रद्धा के साथ किया जाता है। अगर आप भी अपने घर बप्पा को लेकर आए हैं तो आप यहां से विसर्जन करने की सही विधि जान सकते हैं। यहां गणेश जी के विसर्जन का तरीका, मंत्र और साथ ही कुछ विशेष सवालों के जवाब दिए गए हैं।
गणपति विसर्जन कैसे करें? (How To Do Ganesh Visarjan Puja At Home)
- विसर्जन से पहले अंतिम पूजा करें, जिसे उत्तरण पूजा कहा जाता है।
- फिर भगवान गणेश की आरती करें।
- गणपति को मोदक, फल, पंचामृत, नारियल का भोग अर्पित करें।
- धीरे से भगवान की मूर्ति से सजावट सामग्री (फूल, वस्त्र) हटा लें।
- अब एक साफ बाल्टी या टब में साफ पानी भरें।
- भगवान गणेश से क्षमा मांगें और उनसे निवेदन करें कि वो अगले साल फिर पधारें।
- मंत्र बोलें- 'गणपति बाप्पा मोरया, पुढच्या वर्षी लवकर या!' और मूर्ति को धीरे-धीरे पानी में विसर्जित करें।
- जब मूर्ति घुल जाए (अगर वह मिट्टी की बनी हो), तो उस पानी को गमले या पेड़ के नीचे डाल सकते हैं।
- जो फूल और सजावट सामग्री बची हो, उन्हें कूड़ेदान में न फेंके। उन्हें मिट्टी में दबा सकते हैं।
- पूजा स्थान को साफ करें और एक दीपक जलाकर धन्यवाद अर्पित करें।
उत्तरण पूजा क्या है और कैसे होती है? (Ganpati Uttar Puja Vidhi)
उत्तरण पूजा या उद्वासना पूजा वह पूजा है जो भगवान गणेश जी के विसर्जन से ठीक पहले की जाती है। इसमें भक्त भगवान से आभार व्यक्त करते हैं, क्षमा मांगते हैं यदि कोई त्रुटि हुई हो, और उनसे अगले वर्ष फिर पधारने की प्रार्थना करते हैं।
उत्तरण पूजा विधि-
- इस पूजा को करने के लिए सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और कहें- ॐ गणाध्यक्षाय नमः। गणपतये नमः।
- फिर संकल्प लेते हुए कहें- आज विसर्जन से पहले मैं भगवान गणेश जी की उत्तरण पूजा कर रहा/रही हूँ।
- इसके बाद आवाहन मंत्र बोलें- हे गणेश जी, आपने इन दिनों हमारे घर में निवास किया, हमें आनंद, सुख और समृद्धि प्रदान की। हम आपके आभारी हैं।
- फिर गणेश जी को फूल, चावल, मिठाई अर्पित करें।
- फिर उत्तरण मंत्र
- "गणपतये नमः, प्रतिदिन पूजनं कृतं, यथा शक्ति कृतं मया। तत्सर्वं त्वं प्रसन्नो भूत्वा गृहाण गणनायक। आगतं त्वं यथा पूर्वं, गमिष्यसि तथैव च। पुनरागमनाय च प्रार्थयामि नमो नमः॥" पढ़ें और आरती करें।
विसर्जन करने का मंत्र क्या है? (Visarjan Mantra)
विसर्जन के लिए एक सामान्य और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला मंत्र है- 'ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्। इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥', जिसका अर्थ है, 'हे देवों के गण, मेरी पूजा स्वीकार करके अपने स्थान पर जाएं, और मेरे मनोरथों की पूर्ति के लिए पुनः पधारें'। इस मंत्र के साथ ही, आप 'गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर।' मंत्र का भी उपयोग कर सकते हैं, जिसका अर्थ है 'हे सुरश्रेष्ठ! अपने स्थान पर लौट जाएं, हे परमेश्वर! मेरे द्वारा की गई पूजा को स्वीकार करें और अगली बार फिर से पधारें।'
गणपति विसर्जन के बाद कलश नारियल का क्या करें? (what to do with kalash coconut after ganesh visarjan)
अगले दिन नारियल फोड़कर उससे गुड़ और चावल से मीठा पोंगल, मोदक या कोझुकट्टई जैसी कोई भी मिठाई बनानी चाहिए। फिर इस मिठाई को घर में पूजे जाने वाले देवताओं को अर्पित करें। फिर परिवार के सदस्य इसे खाते हैं। कलश का जल जमीन पर लगे पौधों (गमलों में लगे पौधों को नहीं) को अर्पित करना चाहिए।
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