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Janmashtami Paran Vidhi: जन्माष्टमी का व्रत कैसे खोलते हैं? जानें पारण करने का सही तरीका

Janmashtami Paran Vidhi (जन्माष्टमी पारण नियम): अब चूंकि श्री कृष्ण का जन्म हो चुका है तो व्रती अपने पारण की तैयारियों में लगे हैं। जिस तरह व्रत रखने का नियम और पूजा का समय होता है, ठीक उसी प्रकार पारण करने का समय और इसकी भी एक विधि होती है।
जन्माष्टमी का व्रत कैसे खोलते हैं? (photo source: AI)

जन्माष्टमी का व्रत कैसे खोलते हैं? (photo source: AI)

Janmashtami Paran Vidhi 2025 (जन्माष्टमी पारण विधि): श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख और पावन पर्व है, इसे भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं और मंदिरों में भजन-कीर्तन करते हैं। अब चूंकि कान्हा जी का जन्म हो गया है इसलिए व्रती अपना व्रत खोल सकते हैं। यहां हम आपको जन्माष्टमी का व्रत खोलने का सही समय और पारण करने का सही तरीका बता रहे हैं।

जन्माष्टमी व्रत खोलने का समयं (Janmashtami Vrat Kholne Ka Samay)

16 अगस्तरात 12:47 AM के बादनिशिता पूजा के बाद
16 अगस्तरात 9:34 PM के बादअष्टमी तिथि की समाप्ति के बाद
17 अगस्त सुबह 5:51 AM के बाद रोहिणी नक्षत्र समाप्ति के बाद

जन्माष्टमी व्रत खोलते समय क्या खाना चाहिए? (Janmashtami Ka Vrat Kaise Kholte Hain)

  • जन्माष्टमी व्रत खोलते समय हल्का, सात्विक और पचने में आसान भोजन करना चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक खाली पेट रहने के बाद शरीर को धीरे-धीरे पोषण देना जरूरी होता है।
  • व्रत खोलने के लिए सबसे पहले थोड़ा गुनगुना पानी पीना चाहिए, उसके बाद फल जैसे केला, सेब, अनार या पपीता लेना अच्छा होता है। इसके बाद आप साबूदाना खिचड़ी, मखाने, सिंघाड़े या कुट्टू के आटे से बनी रोटी, आलू की व्रत वाली सब्जी, दही या फल वाला रायता ले सकते हैं।
  • अगर मीठा खाने का मन हो तो लौकी या शकरकंद का हलवा खा सकते हैं।
  • व्रत खोलने के तुरंत बाद तला-भुना या बहुत मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे पेट में गैस या भारीपन हो सकता है।

जन्माष्टमी व्रत खोलन की विधि (Janmashtami Vrat Kholne Ki Vidhi)

व्रत खोलने से पहले भगवान कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें, उन्हें भोग लगाएं और आरती करें। व्रत का पारण भगवान को अर्पित किए गए भोग के प्रसाद से ही करें। इसमें माखन-मिश्री, धनिया पंजीरी और फल शामिल हो सकते हैं। पारण के बाद सात्विक भोजन ही ग्रहण करें, जिसमें प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन का प्रयोग न हो। पारण के बाद क्षमता अनुसार दान करें। पारण करते समय कान्हा का नाम मन ही मन में लेते रहें।

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Srishti author

सृष्टि टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़ी हैं। सृष्टि बिहार के सिवान शहर से ताल्लुक रखती हैं। साहित्य, संगीत और फिल्मों में इनकी गहरी रूच...और देखें

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