अध्यात्म

Kalki Dwadashi 2025: कल्कि द्वादशी आज, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र, स्त्रोत और पूजा की पूरी विधि

Kalki Dwadashi 2025: हिंदू धर्म में कल्कि द्वादशी का विशेष महत्व है। हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि तो कल्कि द्वादशी मनाई जाती है। इस साल ये खास दिन आज, 4 सितंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ किया जाता है। यहां से आप कल्कि द्वादशी की तिथि, मुहूर्त, भगवान कल्कि के मंत्र, कल्कि स्तोत्रं और साथ ही पूजा की विधि जान सकते हैं।
कल्कि द्वादशी 2025 तिथि, मुहूर्त, मंत्र, स्त्रोत और पूजा विधि (pic credit: pinterest)

कल्कि द्वादशी 2025 तिथि, मुहूर्त, मंत्र, स्त्रोत और पूजा विधि (pic credit: pinterest)

Kalki Dwadashi 2025 (कल्कि द्वादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि): कल्कि द्वादशी, भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि को समर्पित एक पावन तिथि है। शास्त्रों के अनुसार जब धरती पर पाप, अन्याय, अधर्म और कलियुग का अत्याचार चरम सीमा पर होगा, तब भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेकर संसार का उद्धार करेंगे। कल्कि अवतार का उद्देश्य धर्म की स्थापना, पापियों का नाश और सत्ययुग की पुनर्स्थापना करना है। इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हैं कि वे कल्कि अवतार लेकर पाप का नाश करें और संसार में शांति लाएं। इस दिन व्रत एवं पूजन करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग मिलता है। यहां से आप कल्कि द्वादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, स्त्रोत और पूजा की विधि जान सकते हैं।

कल्कि द्वादशी तिथि (Kalki Dwadashi 2025 Tithi)-

द्वादशी तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 04, 2025 को 04:21 AM बजे

द्वादशी तिथि समाप्त - सितम्बर 05, 2025 को 04:08 AM बजे

कल्कि द्वादशी शुभ मुहूर्त (Kalki Dwadashi Shubh Muhurat)-

  • ब्रह्म मुहूर्त- 04:08 ए एम से 04:54 ए एम
  • प्रातः सन्ध्या- 04:31 ए एम से 05:40 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त- 11:32 ए एम से 12:22 पी एम
  • विजय मुहूर्त- 02:02 पी एम से 02:53 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त- 06:14 पी एम से 06:37 पी एम
  • सायाह्न सन्ध्या- 06:14 पी एम से 07:22 पी एम
  • अमृत काल- 05:10 पी एम से 06:49 पी एम
  • निशिता मुहूर्त- 11:34 पी एम से 12:20 ए एम, सितम्बर 05

भगवान कल्कि के मंत्र (Kalki Mantra)-

अगर आप भगवान कल्कि की कृपा चाहते हैं तो उनके महामंत्र 'जय कल्कि जय जगत्पते पद्मापति जय रमापते' और बीजमंत्र 'जय श्री कल्कि जय माता की' एक-एक माला का जाप करें। आप चाहें तो भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। कल्कि द्वादशी पर इन मंत्रों का जाप बहुत फलदायी माना जाता है।

कल्कि स्तोत्रम् (Kalki Stotram)-

श्रीगणेशाय नमः।

सुशान्तोवाच।

जय हरेऽमराधीशसेवितं तव पदांबुजं भूरिभूषणम् ।

कुरु ममाग्रतः साधुसत्कृतं त्यज महामते मोहमात्मनः ॥ १॥

तव वपुर्जगद्रूपसम्पदा विरचितं सतां मानसे स्थितम् ।

रतिपतेर्मनो मोहदायकं कुरु विचेष्टितं कामलंपटम् ॥ २॥

तव यशोजगच्छोकनाशकं मृदुकथामृतं प्रीतिदायकम् ।

स्मितसुधोक्षितं चन्द्रवन्मुखं तव करोत्यलं लोकमङ्गलम् ॥ ३॥

मम पतिस्त्वयं सर्वदुर्जयो यदि तवाप्रियं कर्मणाऽऽचरेत् ।

जहि तदात्मनः शत्रुमुद्यतं कुरु कृपां न चेदीदृगीश्वरः ॥ ४॥

महदहंयुतं पञ्चमात्रया प्रकृतिजायया निर्मितं वपुः ।

तव निरीक्षणाल्लीलया जगत्स्थितिलयोदयं ब्रह्मकल्पितम् ॥ ५॥

भूवियन्मरुद्वारितेजसां राशिभिः शरीरेन्द्रियाश्रितैः ।

त्रिगुणया स्वया मायया विभो कुरु कृपां भवत्सेवनार्थिनाम् ॥ ६॥

तव गुणालयं नाम पावनं कलिमलापहं कीर्तयन्ति ये ।

भवभयक्षयं तापतापिता मुहुरहो जनाः संसरन्ति नो ॥ ७॥

तव जनुः सतां मानवर्धनं जिनकुलक्षयं देवपालकम् ।

कृतयुगार्पकं धर्मपूरकं कलिकुलान्तकं शं तनोतु मे ॥ ८॥

मम गृहं पतिपुत्रनप्तृकं गजरथैर्ध्वजैश्चामरैर्धनैः ।

मणिवरासनं सत्कृतिं विना तव पदाब्जयोः शोभयन्ति किम् ॥ ९॥

तव जगद्वपुः सुन्दरस्मितं मुखमनिन्दितं सुन्दरत्विषम् ।

यदि न मे प्रियं वल्गुचेष्टितं परिकरोत्यहो मृत्युरस्त्विह ॥ १०॥

हयवर भयहर करहरशरणखरतरवरशर दशबलदमन ।

जय हतपरभरभववरनाशन शशधर शतसमरसभरमदन ॥ ११॥

इति श्रीकल्किपुराणे सुशान्ताकृतं कल्किस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

कैसे करें कल्कि भगवान की पूजा? (Kalki Puja Vidhi)-

कल्कि द्वादशी के दिन स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें। अगर आपके पास कल्कि स्परूप की तस्वीर या प्रतिमा है तो उसकी स्थापना करें। भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर भी इनकी पूजा की जा सकती है। साथ ही आप विष्णु चालीसा और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें। भगवान का जलाभिषेक करें और उन्हें कुमकुम, अक्षत, फल और फूल अर्पित करें। चंदन से भगवान का तिलक करें और उनके सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद कल्कि देव की आरती उतारें और उनसे जीवन में सुख-संपन्नता का प्रार्थना करें।

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Srishti author

सृष्टि टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़ी हैं। सृष्टि बिहार के सिवान शहर से ताल्लुक रखती हैं। साहित्य, संगीत और फिल्मों में इनकी गहरी रूच...और देखें

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