अध्यात्म

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा कब है? यहां से नोट करें खीर पूनम की सही तारीख और चांद निकलने का समयय

Sharad Purnima 2025 Date: नारद पुराण के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का मिलन हुआ था। श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात को ब्रज की गोपियों के साथ रासलीला की थी जिसके साक्षी स्वर्ग के सभी देवी-देवता हुए। इस साल शरद पूर्णिमा कब है, ये आप यहां से जान सकते हैं।
शरद पूर्णिमा 2025 (pic credit: canva)

शरद पूर्णिमा 2025 (pic credit: canva)

Sharad Purnima 2025 Date: पूर्णिमा हर महीने आती है लेकिन अश्विन महीने की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा, मां लक्ष्मी, इंद्रदेव की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही खुलेआस के नीचे खीर रखने का विधान है। शरद पूर्णिमा को कौमुदी व्रत भी कहा जाता है। आज के दिन नवविवाहित जोड़ा व्रत और जागरण कर अगले दिन चंद्रमा के नीचे रखी हुई खीर को ग्रहण करते हैं जिनसे उनके दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता हैं। कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र की किरणों में स्वयं अमृत समाहित होता है। माना जाता है कि चांद की किरणों से खीर में अमृत का रस घुल जाता है। इस खीर को ग्रहण करने से अमृत के गुण प्राप्त होते हैं।

शरद पूर्णिमा 2025 तिथि (Sharad Purnima 2025 Date)

पंचांग के अनुसार साल 2025 में शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

शरद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima Shubh Muhurat)

इस दिन दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही है और समाप्ति इसकी 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 16 मिनट पर होगी। इस दिन चंद्रोदय का समय शाम 5 बजकर 27 मिनट है।

शरद पूर्णिमा व्रत कथा (Sharad Purnima Vrat Katha)

एक साहूकार की दो बेटियां थी, वह दोनों ही शरद पूर्णिमा का व्रत किया करती थीं। लेकिन दोनों बहनों में से छोटी बहन आधा-अधुरा व्रत करती थी जिससे उसकी संताने जन्म लेते ही मर जाती थी। वहीं बड़ी बहन के विधि-पूर्वक व्रत करने से उसे स्वस्थ और निरोगी संतान मिलती थी। छोटी बहन ने जलन की भावना में आकर अपने मृत शिशु को कपड़े में लपेटकर बड़ी बहन के पास रख दिया ताकि लोग यह समझे की बड़ी बहन स्वयं एक अपशगुन है जिसके निकट जाने से उसका शिशु मर गया। बड़ी बहन ने इस चाल को पहले ही समझ लिया और अपनी छोटी बहन को बहुत समझाया। छोटी बहन ने अपनी गलती को स्वीकार किया और व्रत की पूजन विधि को समझकर व्रत करना प्रारंभ किया जिससे उसकी संतान जीवित और स्वस्थ पैदा हुई।

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Srishti author

सृष्टि टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़ी हैं। सृष्टि बिहार के सिवान शहर से ताल्लुक रखती हैं। साहित्य, संगीत और फिल्मों में इनकी गहरी रूच...और देखें

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