अध्यात्म

Shukra Pradosh Vrat: आज शुक्र प्रदोष व्रत पर करें इस स्त्रोत का पाठ, भोलेनाथ करेंगे बेड़ा पार

Shukra Pradosh Vrat: हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। वहीं, अगर ये व्रत शुक्रवार को पड़ें तो इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं। यहां से आप शुक्रवार प्रदोष व्रत को पढ़ी जाने वाले स्त्रोत के लिरिक्स को देख सकते हैं।
प्रदोष व्रत  पर करें  इस स्त्रोत का पाठ (pic credit: canva)

प्रदोष व्रत पर करें इस स्त्रोत का पाठ (pic credit: canva)

Shukra Pradosh Vrat: शुक्र प्रदोष व्रत एक धार्मिक व्रत है जो हिंदू पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि को आता है और जब यह तिथि शुक्रवार के दिन पड़ती है, तब इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा- अर्चना की जाती है। इस दिन शिव जी की पूजा के साथ एक खास स्त्रोत का पाठ किया जाता है। यहां से आप इस पाठ के लिरिक्स को देख सकते हैं।

लिंगाष्टकम स्त्रोत (Shiv Lingashtakam Stotra)

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिंगं निर्मलभासितशोभित लिंगम्।

जन्मजदुःखविनाशकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ॥१॥

देवमुनिप्रवरार्चितलिंगं कामदहं करुणाकरलिंगम् ।

रावणदर्पविनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ॥२॥

सर्वसुगंधिसुलेपितलिंगं बुद्धिविवर्धनकारणलिंगम् ।

सिद्धसुरासुरवंदितलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ॥३॥

कनकमहामणिभूषितलिंगं फणिपतिवेष्टितशोभितलिंगम् ।

दक्षसुयज्ञविनाशनलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ॥४॥

कुंकुमचंदनलेपितलिंगं पंकजहारसुशोभितलिंगम् ।

संचितपापविनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ॥५॥

देवगाणार्चितसेवितलिंगं भावैर्भक्तिभिरेव च लिंगम् ।

दिनकरकोटिप्रभाकरलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ॥६॥

अष्टदलोपरिवेष्ठित लिंगं सर्वसमुद्भवकारणलिंगम् ।

अष्टदरिद्रविनाशनलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ॥७॥

सुरगुरुसुरवरपूजितलिंगं सुरवनपुष्पसदार्चितलिंगम्।

परात्परं परमात्मकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ॥८॥

लिंगाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥९॥

इति श्रीलिंगाष्टकस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

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Srishti author

सृष्टि टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़ी हैं। सृष्टि बिहार के सिवान शहर से ताल्लुक रखती हैं। साहित्य, संगीत और फिल्मों में इनकी गहरी रूच...और देखें

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