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मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे पितृ दोष है? जानें पितृ दोष के लक्षण, कारण और पितृ दोष दूर करने के उपाय

Pitru Dosh Symptoms, Effects, Remedies: पितृ दोष एक ज्योतिषीय दोष होता है, जो कुंडली में विशेष ग्रह स्थितियों के कारण बनता है। वहीं, जब किसी व्यक्ति के पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती, तो उसे पितृ दोष माना जाता है। यहां से आप जान सकते हैं कि पितृ दोष कब लगता है, इसके लक्षण क्या हैं और पितृ दोष कैसे दूर कर सकते हैं।
पितृ दोष लक्षण, कारण, उपाय (pic credit: iStock)

पितृ दोष लक्षण, कारण, उपाय (pic credit: iStock)

Pitru Dosh Symptoms, Effects, Remedies: हिंदू धर्म में पूर्वजों का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि पितर न केवल हमें आशीर्वाद देते हैं, बल्कि जब वे तृप्त नहीं होते या उनसे जुड़ी कोई जिम्मेदारी अधूरी रह जाती है, तो उसका प्रभाव वंशजों पर पितृ दोष के रूप में पड़ता है। यहां हम आपको पितृ दोष से जुड़ी कई सारी जानकारी दे सकते हैं। यहां पितृ दोष के लक्षण, कारण मौजूद हैं। साथ ही यहां से आप पितृ दोष हटाने के उपाय और पितृ दोष कितने साल तक रहता है ये जानेंगे।

पितृ दोष के लक्षण-

  • बार-बार बीमार रहना
  • संतान प्राप्ति में बाधा
  • गर्भपात बार-बार होना
  • परिवार में क्लेश
  • कारोबार में घाटा
  • घर में अचानक से पीपल का पौधा उगना
  • विवाह में देरी
  • परिवार में अकाल मृत्यु
  • कर्ज में डूब जाना
  • पूर्वजों का सपने आना

क्यों होता है पितृ दोष?

पितृ दोष तब होता है जब किसी व्यक्ति का सही विधि से अंतिम संस्कार, पिंडदान, तर्पण, और श्राद्ध कर्म न किया गया हो, तो ऐसे में उस व्यक्ति की आत्मा को शांति नहीं मिलती, जिस कारण उसके परिजनों को पितृ दोष झेलना पड़ सकता है। यह भी माना जाता है कि व्यक्ति के पूर्व जन्म के कर्मों के कारण भी उसे पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है।

पितृ दोष हटाने के लिए क्या करना चाहिए?

  • श्राद्ध और तर्पण
  • पिंडदान करना
  • ॐ पितृदेव्यै नमः या ॐ नमः शिवाय का जाप
  • ब्राह्मणों को भोजन, दान देना
  • कुएं, जलस्त्रोत, वृक्ष आदि का दान/स्थापन
  • प्रति अमावस्या पर जल तर्पण
  • गाय, ब्राह्मण, और पीपल की सेवा

पितृ दोष कितने वर्ष तक रहता है?

एक बार सही तरीके से श्राद्ध कर देने और पितरों को तृप्त कर देने के बाद यह दोष समाप्त हो सकता है या बहुत हद तक शांत हो जाता है। अगर पितृ दोष जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के कारण है, तो ज्योतिषीय उपाय, धार्मिक अनुष्ठान, और अच्छे कर्मों से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। वहीं, अगर पितृ दोष पूर्वजों के किए गए गंभीर पापों या अधार्मिक कार्यों का परिणाम है, तो यह दोष कुछ पीढ़ियों तक चलता है। यह तब तक बना रहता है जब तक उनके कर्मों का फल वंशज भुगत नहीं लेते।

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Srishti author

सृष्टि टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़ी हैं। सृष्टि बिहार के सिवान शहर से ताल्लुक रखती हैं। साहित्य, संगीत और फिल्मों में इनकी गहरी रूच...और देखें

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