अध्यात्म

Varaha Jayanti 2025: आज है वराह जयंती, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और पौराणिक कथा

Varaha Jayanti 2025: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के तीसरे अवतार वराह भगवान हैं। आज वराह जयंती है। यह पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर हरतालिका तीज के साथ ही पड़ता है। यहां से आप वराह जयंती 2025 की सही तारीख, शुभ मुहूर्त, विधि और कथा पढ़ सकते हैं।
वराह जयंती 2025 (pic credit: pinterest)

वराह जयंती 2025 (pic credit: pinterest)

Varaha Jayanti 2025: जब हिरण्याक्ष नामक असुर ने पृथ्वी को समुद्र में डुबो दिया था, तब भगवान विष्णु ने वराह यानी सूअर रूप में अवतार लिया। उन्होंने समुद्र में जाकर अपने दांतों पर पृथ्वी को उठाकर बाहर निकाला और असुर का वध किया। ये अवतार धर्म की पुनः स्थापना, पृथ्वी की रक्षा, और असुरों के विनाश का प्रतीक है। साल 2025 में वराह जयंती किस दिन है, इस बात की थोड़ी कंफ्यूजन है। यहां से आपको वराह जयंती की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त की जानकारी मिलेगी। साथ ही यहां पूजा की विधि और कथा भी मौजूद है।

वराह जयंती कब है 2025 में?

साल 2025 में वराह जयंती 25 अगस्त यानी आज ही के दिन है। इस दिन सोमवार का दिन है।

वराह जयंती 2025 शुभ मुहूर्त

भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि 25 अगस्त को दोपहर के 12.35 बजे शुरू होकर 26 अगस्त की दोपहर को 1.54 बजे समाप्त हो रही है। पूजा के अति शुभ समय दोपहर के 1.40 बजे से लेकर शाम के 4.15 बजे तक होगा।

वराह जयंती पूजा विधि

  • सबसे पहले स्नान आदि से निवृत होकर भगवान वराह की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
  • उसके बाद धूप दीप से आरती उतारें और भोग लगाएं।
  • इस दिन हिरण्याक्ष वध की कथा का पाठ जरूर करें।
  • ब्राह्मण को भोजन करायें तथा दक्षिणा दें।
  • वराह जयंती के दिन वराह स्त्रोत और कवच का पाठ जरूर करना चाहिए।

वराह जयंती पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, दैत्यराज हिरण्याक्ष ने मायावी शक्तियों से पृथ्वी देवी को गहरे समुद्र में ले जाकर कहीं छिपा दिया। इससे पृथ्वीवासी और देवता असहाय हो गए और ब्रह्मांड का संतुलन बिगड़ने लगा। तब भगवान विष्णु ने वराह अवतार लिया। वराह यानी एक विशालकाय शूकर का रूप लेकर भगवान महासागर में उतरे और फिर उन्होंने पहले हिरण्याक्ष का अंत किया और फिर पृथ्वी देवी की रक्षाकर उन्हें अपने दांतों पर उठाकर जल से बाहर निकाल निकाला। उन्होंने धरती को पुनः उसकी जगह पर स्थापित किया। इस तरह भगवान श्रीहरि ने वराह अवतार लेकर समस्त मानव जाति और धर्म की रक्षा की।

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Srishti author

सृष्टि टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़ी हैं। सृष्टि बिहार के सिवान शहर से ताल्लुक रखती हैं। साहित्य, संगीत और फिल्मों में इनकी गहरी रूच...और देखें

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