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यदि हमास आत्मसमर्पण करता है तो गाजा में युद्ध बंद हो जाएगा-इजरायल के विदेश मंत्री का ऐलान

गिदोन सार का यह बयान हमास की उस घोषणा के एक दिन बाद आया है जिसमें उसने दोहराया था कि यदि इजरायल गाजा में सैन्य आक्रमण को रोकता है और अपनी सेनाएं गाजा शहर से वापस बुलाता है, तो वह सभी बंधकों को रिहा करने को तैयार है।
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हमास के खिलाफ गाजा में इजराइल का जारी है युद्ध (फोटो- AP)

यरूशलम में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि हमास आत्मसमर्पण करता है और सभी बंधकों को रिहा कर देता है, तो इजरायल गाजा में जारी युद्ध को समाप्त कर देगा। यह बयान उन्होंने डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन के साथ बैठक के बाद दिया।

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फिलिस्तीन को मान्यता देने पर कड़ा विरोध

सार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने के अंतरराष्ट्रीय फैसलों की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा- “जो देश फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना का समर्थन करते हैं, वे इस तथ्य की अनदेखी कर रहे हैं कि फिलिस्तीनी अथॉरिटी राज्य के योग्य नहीं है। जब तक यह संगठन यहूदियों, इजरायल और आतंकवाद के खिलाफ उकसावे से दूरी नहीं बनाता, तब तक कोई भी विश्वसनीय शांति प्रक्रिया संभव नहीं हो सकती।”

मानवीय सहायता और चिकित्सा निकासी पर मतभेद

दोनों नेताओं के बीच गाजा में मानवीय स्थिति और सहायता सामग्री की आपूर्ति को लेकर गहन चर्चा हुई। जहां इजरायली विदेश मंत्री ने सहायता वितरण में "जमीनी बदलाव" की बात कही, वहीं डेनमार्क के विदेश मंत्री ने गाजा में मानवीय आपदा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। गिदोन सार ने कहा कि जुलाई में ब्रुसेल्स में हुए समझौतों के तहत इजरायल ने ईयू से किए गए सभी मानवीय वादे पूरे किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि गाजा से मरीजों की चिकित्सा निकासी और अन्य मुद्दों पर सहयोग के लिए एक संयुक्त टीम बनाई गई है। हालांकि, डेनमार्क के विदेश मंत्री रासमुसेन ने कहा,

"अगर आप गाजा से मरीजों को पूर्वी यरूशलम ले जाने की अनुमति देते, तो इससे कई जानें बचाई जा सकती थीं, लेकिन मैं आपको ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।"

यूरोप-इजरायल संबंधों पर तल्ख टिप्पणी

गिदोन सार ने यूरोपीय देशों पर इजरायल विरोधी रुख अपनाने का आरोप लगाया और कहा, "आज यूरोप में इजरायल विरोधी जुनून की लहर है। यूरोप जितनी रणनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसमें इजरायल की उतनी ही जरूरत है जितनी इजरायल को यूरोप की। धमकियों और प्रतिबंधों के आधार पर कोई रचनात्मक संवाद नहीं हो सकता।"

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शिशुपाल कुमार author

शिशुपाल कुमार टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल के न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं और उन्हें पत्रकारिता में 13 वर्षों का अनुभव है। पटना से ताल्लुक रखने वाले शिशुपा...और देखें

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