अमेरिका तैयार नहीं था एपस्टीन फाइलों के सच के लिए- टाइम्स नाउ पर पीड़िता लिसा फिलिप्स का बड़ा खुलासा

जेफरी एपस्टीन द्वारा दुर्व्यवहार के शिकार लोग फाइलों का पूर्ण खुलासा करने की मांग कर रहे हैं (फोटो- AP)
टाइम्स नाउ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में अमेरिका के बहुचर्चित यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन की शिकार हुई एक पीड़िता लिसा फिलिप्स ने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका उस समय 'एपस्टीन फाइलों' के सार्वजनिक होने से सामने आने वाले काले सच के लिए तैयार नहीं था। लिसा फिलिप्स, उन दो महिलाओं में शामिल हैं जिन्होंने सालों तक जेफरी एपस्टीन के दुर्व्यवहार को झेला था।
पहली मुलाकात और दुर्व्यवहार की शुरुआत
टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ अपनी कहानी साझा करते हुए, पीड़िता लिसा फिलिप्स ने बताया कि कैसे उन्हें मसाज के बहाने एपस्टीन की दुनिया में फंसाया गया और उसी रात उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। पीड़िता ने बताया कि उन्हें कैरिबियन में एक अन्य मॉडल के साथ एक पत्रिका शूट के लिए बुक किया गया था, उसने मुझे एक दोस्त के पास के द्वीप पर जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा- “मुझे कैरिबियन में एक और मॉडल के साथ एक मैगजीन शूट के लिए बुक किया गया था। उसने मुझे एक दोस्त के पास के द्वीप पर जाने का सुझाव दिया, तो मैंने उस पर भरोसा कर लिया। हमने द्वीप पर पूरा दिन बिताया, पूल और डिनर का आनंद लिया और यहीं मेरी पहली मुलाकात एपस्टीन से हुई।"
कांग्रेस और सड़कों पर गूंजता विरोध
पीड़िता का यह बयान उस वक्त आया जब अमेरिका में एपस्टीन फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग तेज हो रही है। कैपिटल हिल की सीढियों पर पीड़ितों ने सांसदों संग मिलकर हल्ला बोला और जमकर नारेबाजी की। इस सप्ताह की शुरुआत में प्रतिनिध सभा की निगरानी समिति ने 33,295 पन्नों के दस्तावेज जारी किए, जिनमें उड़ान लॉग, जेल निगरानी वीडियो, अदालती दस्तावेज, ईमेल और ऑडियो रिकॉर्डिंग शामिल हैं।
ट्रंप प्रशासन पर दबाव
लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, इसे एक धोखा बताते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- "एपस्टीन के धोखे के जरिए वे लोगों को इस बारे में बात करने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं। हम किसी भी राष्ट्रपति के कार्यकाल के सबसे सफल आठ महीने बिता रहे हैं और मैं इसी बारे में बात करना चाहता हूं।" लेकिन विरोध अब राजनीति की सीमाओं से बाहर निकलता दिख रहा है। ट्रंप की करीबी सहयोगी, जॉर्जिया की रिपब्लिकन सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन भी पीड़ितों के साथ खड़ी हो गईं। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा “राजनीति से ऊपर उठकर” देखा जाना चाहिए।
‘एपस्टीन फाइलें’ और ट्रंप का नाम
रिपोर्टों के अनुसार, मई में ट्रंप को अटॉर्नी जनरल ने बताया था कि जांच से जुड़ी फाइलों में उनका नाम भी है। 1990 और 2000 के शुरुआती दशक में उनकी एपस्टीन से नजदीकी दोस्ती रही थी। यही वजह है कि यह विवाद ट्रंप प्रशासन को लगातार परेशान कर रहा है।
आगे क्या?
कांग्रेस पर कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है। रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी ने सदन में मतदान कराने के लिए एक डिस्चार्ज याचिका दायर की है। इसमें व्हाइट हाउस से बिना संपादित उड़ान लॉग समेत अन्य अहम जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की गई है।
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